नहीं थम रहा हरे प्रतिबंधित पेड़ों का कटान ,
Jul 18, 2023
संवाददाता श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़
– भ्रष्टाचार की चरमसीमा पर बन रहे परमिट
– फलपट्टी क्षेत्र तेजी से हो रहा है वृक्षविहीन
– शाहाबाद के कल्लूनगरा में कटे99पेड़ आम
शाहाबाद (हरदोई) वनविभाग व पुलिस विभाग की मिलीभगत से हरे आम के 99पेड़ कोतवाली इलाके के नगला कल्लू में लकड़कट्टो ने उड़ा दिए और परमिट की नौटंकी समझाकर जहां मौके पर पहुंचे कई पत्रकारों को मामूली सुविधाशुल्क देकर चलता कर दिया वहीं कई पत्रकारों को मोटा मजबूरी शुल्क उपलब्ध कराए जाने की जानकारी मिली है। इस संबंध में वनरेंज अधिकारी शाहाबाद ने बताया कि 95पेड़ो का परमिट है जबकि इस जिले में हरे पेड़ों के सूखा एवं रोगग्रस्त दिखाकर परमिट बनाने का सिलसिला वर्षों से चालू है आखिर तभी इस रेंज में अनुमानित 5लाख पेड़ केवल भाजपा की योगी सरकार के कार्यकाल में कटे हैं जो कि इलाके भर में संचालित लाइसेंसी और बिना लाइसेंसी आरा मशीनों पर चीरे गए हैं और तो और अब तक इधर तैनात लगभग सभी संबंधित अधिकारियों के आलीशान मकानों में बेशकीमती लकड़ी भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए काफ़ी है हालांकि यह जांच का विषय है जिसकी जिम्मेदारी सरकार के आला अफसरों की है कि वह आखिर यहां तैनात रहे बाहरी अधिकारियों के बाहरी जिलों में बने मकानों में लगी लकड़ी की उपलब्धता तथा अनुमानित कीमत की जांच कर कठोर कार्यवाही करें अन्यथा जीरो टॉरलेन्स पर थोथे गाल बजाते रहें। अंततः पर्यावरण प्रदूषण से परेशान जनता एक न एक दिन खुद व खुद सबक सिखाएगी।
वनविभाग फलपट्टी क्षेत्र का रक्षक नहीं भक्षक –
शाहाबाद (हरदोई) भ्रष्टाचार की चरमसीमा पर आए दिन हरे फलदार प्रतिबंधित पेड़ों को मनमाने तरीके से सूखा व रोगग्रस्त दर्शाकर वन विभाग के अधिकारीगण जहां एक ओर परमिट बना रहें हैं वहीं दूसरी ओर लकड़कट्टो से कटवाकर हिस्साबांट कर रहे हैं जबकि यह इलाका फलपट्टी क्षेत्र के नाम से मशहूर रहा है। बताते चलें कि वनरेंज अधिकारी बडे़ ईमानदार बनते हैं लेकिन हरे और फलदार पेड़ों का कटान कभी थमा ही नहीं है। आम हरे पेड़ लगातार कट रहे हैं। वन विभाग से तुकमी आम के पेड़ कलमी रोगग्रस्त आम दिखाकर परमिट बनवाए जाते हैं और फिर बाग के बाग उजाड़ दिए जाते हैं। इतना ही नहीं अन्य सभी प्रतिबंधित पेड़ों के कटान में वनविभाग की अहम भूमिका सर्वविदित है, फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार जीरो टॉरलेंस की शेखी बघारना बंद नहीं कर रही है और जनता से वोट पर वोट लेकर जनजीवन से खुल्लमखुल्ला खिलवाड़ कर रही है। आखिर पर्यावरण के दुश्मन बने वनविभाग द्वारा इलाके की हरियाली का सत्यानाश कर दिया गया है।
यदि ईमानदारी से भाजपा की योगी सरकार केवल अपने कार्यकाल में हुए कटान की जांच करा ले तो शाहाबाद वन रेंज के अंदर कमसेकम 3 लाख प्रतिबंधित पेड़ जड़ सहित लापता हो चुके हैं। जिम्मेदारों की ऐसी ही मनमानी तानाशाही धनउगाही के चलते नगर के अन्दर गत माह एक वन दारोगा पर लकड़कट्टों ने हमला किया और मारपीट कर उसकी सरकारी बर्दी को तहस नहस कर दिया जिसमें वन रेंज अधिकारी तक मुंह की खाए और अपना सा मुंह लटकाए हुए कोतवाली से इसलिए निकल गए क्योंकि पुलिस ने सुविधाशुल्क की बदौलत लकड़कट्टों का खुल्लमखुल्ला साथ दिया और वनकार्मिकों को दुत्कार दिया जबकि वन दारोगा आदि ने मारपीट कर लकड़ी भरी गाड़ी भगा ले जाने वाले एक लकड़कट्टे को आखिर पकड़ कर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द किया था फिर भी उसे पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसके बाद उसके पक्ष में कमसेकम कार्यवाही की जा सकी।
गौरतलब है कि इधर आए दिन बडे़ पैमाने पर प्रतिबंधित पेड़ों का कटान होता है और नीम व जामुन जैसे हकीमी पेड़ों का कटान कराने में वन विभाग अहम भूमिका निभाता है। सुविधा शुल्क लेकर अपनी जेबें भरने के आदी जिम्मेदारों का जमीर ऐसे गरीब नौनिहालों के बारे में भी नहीं सोचता जो किसी भी सड़क के किनारे जामुन भरी पॉलीथिन पकड़े दयनीय दृष्टि से हर वाहन की तरफ देखते दिखाई दे जाते हैं और नीम की निमकौली बेंचकर अब भी बहुत से गरीब परिवार गुजारा करते हैं परन्तु बाहरी जिलों के जिम्मेदार अधिकारीगण आए दिन हरे प्रतिबंधित पेड़ों पर आरे कुल्हाड़े चलवाकर इस इलाके को पर्यावरण प्रदूषण की आग में झोंक कर अपनी ही झोंक में झूम रहे हैं जिन पर अंकुश लगाने की अतिशीघ्र आवश्यकता है।