रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
भगवान् श्री हरी विष्णु के आठवे अवतार माने जाते हैं। श्री कृष्ण जिनके जन्मोत्सव के रूप में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही धूम – धाम से मनाया जाता हैं। कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि में हुआ था। द्वापर युग में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की रात कृष्ण प्रकट हुए थे। आपको बता दे की श्रीकृष्ण के जीवन की अधिकतर घटनाएं ऐसी हैं जिनमे जीवन की सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए गए हैं।
जैसे की , महाभारत युद्ध से ठीक पहले अर्जुन में युद्ध करने से ही मना कर दिया था। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने अपने विराट स्वरुप में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। जिसके बाद अर्जुन युद्ध के लिए तैयार हो गए।
आम लोग 6 सितम्बर के दिन जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे। वही शास्त्रों के अनुसार ,7 सितम्बर के दिन वैष्णव सप्रदांय के लोग जन्माष्टमी का व्रत करेंगे। वह 7 सितम्बर के दिन भगवान् श्री कृष्ण की विधिवत पूजा के बाद व्रत का पारण किया जा सकता हैं।
इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण की कुछ खास नीतिया –
हमें अपने स्वाभाव के मुताबिक ही काम को चुनना चाहिए ऐसा काम करे जिसमे ख़ुशी मिलती हैं हम अपक्षी क्षमता के नौसार काम करेंगे तो बेहतर रहेगा जो काम हमारे पास वर्तमान में हैं उसे पूरा करने की कोशिश जरूर करे।
भगवान् का चिंतन करने के साथ ही अपना कर्म भी करना चाहिए। भगवान अपना काम छोड़कर भक्ति करने के लिए नहीं कहते हैं कर्म के बिना जीवन नहीं रह सकता हैं कर्म से ही सफलता मिलती हैं।