रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
(कर्नल) मनप्रीत सिंह:
केंद्रीय विघालय मुल्लापुर से 12वी पास।
2003 मे सेना लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती।
2020 मे वह कर्नल प्रमोट हुए।
( मेजर ) -आशीष धौचक :
25 साल की उम्र मे 2012 मे भारतीय सेना मे बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे।
2018 मे प्रमोट होकर मेजर बन गए।
ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी मे पोस्टिंग मिली।
2023 मे मेजर आशीष को 15 अगस्त को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू ने उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया।
मेजर आशीष 19 राष्ट्रीय राइफल्स के सिख लाइट इंफैक्ट्री मे तैनात थे।
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए दो मेजर इस मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नर मनप्रीत सिंह चंडीगढ़ ओर मेजर आशीष धौचक पानीपत के रहने वाले थे। लेकिन जैसे ही शहदत की खबर मिली वैसे ही दोनों ही अफसरों के घर मातम का महल पसरा हुआ हैं।
मेजर आशीष धउनक की माँ बोली बेटा देश को सौप दिया था। गम तो बहुत हैं पर मै रोऊगी नहीं। मेजर आशीष की माँ ने नम आखो व रोनी आवाज मै बोली की मेरे बेटे की तीन बहने नहीं बल्कि देश की तमाम बहने उसकी थी। सभी की रक्षा के लिए उसने शाहदत दी हैं। शहीद मे मेजारो के घर का माहौल आज गुरूवार को बेहद ही भावुक रहा हैं। हलाकि पानीपत के आस – पास के लोग उनके घर के बाहर शव के आने का इंतजार मे डटे हुए लेकिन प्रशासन का कहना हैं शहीद मेजर का शव शुक्रवार को घर पहुंचेगा।
वही सूत्रों के मुताबिक -आशीष धौचक के चाचा ने बताया की आखिरी बार जब फोन पर मेरी बात हुई थी। तब आशीष ने बोलै था की अक्टूबर मे आऊंगा ओर तब नए घर मे शिफ्ट हूँगा। बता दे की पानीपत के ही एक इलाके मे उनका परिवार किराए के माकन मे रहता था। और कुछ समय पहले ही नया मकान बनवाया था। लेकिन असहनीय बात तो ये हैं की अब ये हैं की अब उस घर मे आशीष का शव वापस आऊंगा। परिवार वालो की योजना थी की 23अक्टूबर को गृह प्रवेश का आयोजन होगा। और इसकी वजह यह थी की 23अक्टूबर को मेजर आशीष का जन्मदिन होता हैं।
इधर कर्नर मनप्रीत के घर अधिकारी आ चुके हैं और अधिकारियो ने न्यू चंडीगढ़ मे पहुंचकर कर्नल मनप्रीत के घर और अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट का निरिक्षण किया हैं।
कर्नल मनप्रीत का सात साक का बेटा ,ढाई साल की बेटी –
मनप्रीत हाल ही मे न्यू चंडीगढ़ शिफ्ट हो गए थे व उनकी पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा मे पंचकूला के पिंजौर स्थित सरकारी स्कूल मे टीचर हैं।
कर्नल मनप्रीत 2003मे लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे और 2 साल पहले सेना मैडल भी प्राप्त कर चुके हैं। इस वक्त वह 19 राष्ट्रीय राइफल मे बतौर कर्नल तैनात थे।
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले मे हुई मुठभेड़ से न्यू चंडीगढ़ के रहने वाले मनप्रीत शहीद हो गए। कर्नल के शहीद होने की सूचना उनके छोटे भाई संदीप सिंह को शाम 5:30 बजे फोन पर मिली।