रिपोर्ट – रीडर टाइम्स न्यूज़
चलती ट्रेन में महिला सिपाही के साथ हुई बर्बरता को लेकर आरोपियो का कबूलनामा में पुलिस की पूछताछ में बदमाशों ने पूरी कहानी बताई – हम केवल बैग लेकर भागना चाहते थे जोकि ऐसा नहीं हो पाया। महिला सिपाही ने हम पर हमला किया तब गुस्से में हम तीनो उस पर टूट पड़े और उसे बेसुध करने में जुट गए। उसे लहूलुहान कर दिया और उसके ब्लेड मारने के बाद उसे सरयू नदी में फेकना चाहते थे। पर ऐसा नहीं हो पाया और कपडे तो इसलिए फाड़े ताकि वह हमारा पीछा न कर सके।
एसटीएफ और पुलिस टीम ट्रिक –
पुलिस व एसटीएफ ने जानबूझकर ये ट्रिक अपनाई की दो लोगो को संदिग्ध बताते हुए सीसीटीवी वायरल किये गए। जिससे बदमाशों को इस पर यकीन हो जाए की उन तक पुलिस नहीं पहुंच पाई। और बदमाश एक्टिव हो सके और एसटीएफ व पुलिस की यह ट्रिक काम आ गई।
सूत्रों के मुताबिक – महिला सिपाही को चेहरे और सिर पर गंभीर छोटे लगी हैं। जिससे उसके चेहरे पर 47 से ज्यादा टाके लगे हैं। और अभी भी उसका लखनऊ के केजीएमयू में इलाज चल रहा हैं और व 12 दिनों से होश नहीं हैं।
बदमाश बोले –
हम लोग अनीश के साथ बोगी में चोरी के इरादे से चढ़े थे। रात के वक्त बोगी में महिला को अकेला देख हम लोगो ने तय किया इसको लुटेगे जोकि बोगी में अंधेरा भी था ….महिला पुलिस हैं ये नहीं पता था। महिला लेटी हुई थी और अपने बैग को सिर के नीचे रखा था। हमने पहले बैग छीना इस पर महिला सिपाही खड़ी हो गई। उसने अनीश को गाल पर एक हाथ जड़ दिया जिससे उस पर हमला किया। हमने महिला सिपाही का सिर ट्रेन के डिब्बे की सीट पर लड़ा दिया। जिससे महिला घायल हो गई। महिला सिपाही ने एक बदमाश को लात मारी तो बौखलाए दूसरे बदमाश ने चेहरे पर ब्लेड मार दिया बेसुध महिला सिपाही खुद को बचने के लिए गेट की ओर भागी। हमने ये सोचा की महिला को सरयू नदी में फेक दे हम आगे बढ़े फिर से लात मारी और जिससे एक बदमाश गेट पर गिर गया। और जिसके बाद हम महिला को घसीट कर अंदर लाए।
16 सितम्बर को जारी इस फुटेज को अनीश और उसके साथियो ने भी देखा। जिससे फुटेज को देख आरोपी निश्चिन्त हो गए। कि पुलिस का ध्यान इस मामले पर नहीं हैं। इसी बीच तीनो बदमाशों में अपना फोन ऑन कर दिया और जैसे ही फोन ऑन हुआ जांच एजेंसी कि हिरासत में आ गए।