रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
- मानसिक स्वास्थ्य का दायरा बहुत बड़ा है और आज जरूरत है इस विषय को गंभीरता से लेने की और उस पर चर्चा करने की।
- बच्चों को माता – पिता और अभिभावकों के सान्निध्य और मार्गदर्शन में रहना चाहिए।
- लड़कियों में होने वाली बीमारियों की वजह मानसिक समस्याएं।
- छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना चाहिए, हमेशा खुश रहना चाहिए।
लखनऊ “चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन” द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मानसिक “स्वास्थ्य विषय पर सेमिनार का आयोजन” किया गया। कार्यक्रम में दैनिक जागरण के राज्य संपादक आशुतोष शुक्ला, आइकॉन हॉस्पिटल से सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रीति वत्सल, रॉयल कैफे के मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप अहूजा, मनोवैज्ञानिक डॉक्टर मधु पाठक, हैप्पी थिंकिंग लैब से प्रोफेसर मैत्रैयी प्रियदर्शिनी, समाज कार्य विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर अनूप कुमार भारतीय, संस्था की सचिव ओम सिंह ने अपने विचार रखें।
सेमिनार का विषय था -विद्यार्थियों और अभिभावकों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक –
संस्था की सचिव एवं मनोवैज्ञानिक ओम सिंह ने बताया की बच्चों और बड़ों के शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में तो सभी जागरूक और सक्रिय रहते हैं लेकिन मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कोई ध्यान नहीं देता जबकि हम सबको पता है कि दिमाग ही हमारे पूरे शरीर को नियंत्रित करता है। मानसिक स्वास्थ्य का दायरा बहुत बड़ा है और आज जरूरत है इस विषय को गंभीरता से लेने की और उस पर चर्चा करने की। आए दिन विभिन्न स्कूलों कोचिंग कॉलेज में घटनाएं सुनने को मिलती रहती हैं इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए “चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन संस्था ने इस सेमिनार का आयोजन किया” । कार्यक्रम में मंच संचालन पवन कुमार सिंह ने किया। सीनियर जर्नलिस्ट आशुतोष शुक्ला ने बच्चों को माता पिता और अभिभावकों के सान्निध्य और मार्गदर्शन में रहने की सलाह दी।
संदीप आहूजा ने छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के अनेक तरीके बताए, सच्ची घटनाओं से उदाहरण भी समझाए। उन्होंने कहा कि खुश रहना एक आदत है जिसकी सबको आदत डालनी चाहिए।
डॉ मधु पाठक ने तनाव ,चिंता ,अवसाद से बचने के लिए नेचुरल थेरेपी बताई।
डॉक्टर प्रीति वत्सल ने लड़कियों में होने वाली बीमारियों की वजह से होने वाले मानसिक समस्याओं एवं उनके बचाव के तरीके बताए।
प्रो अनूप कुमार भारतीय ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन सौंपा।
सत्र के अंत में सभी छात्रों से ओपन इंटरेक्शन सेशन रखा गया जिसमे छात्र छात्राओं ने खुलकर अपने सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने उनका समाधान भी दिया।
ओम सिंह ने बताया कि कैसे योग और प्राणायाम के ज़रिए मन को स्थिर और शांत किया जा सकता है।
“चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन” की तरफ से रागिनी दीक्षित और भूमिका सिन्हा को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। संस्था की तरफ से राजकुमार यादव, दीक्षा वर्मा, मोनू पांडे, और इलियास ने सक्रिय भूमिका निभाई।