रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स
तमिलनाडु में ईडी के एक अफसर को 20 लाख रूपये घूस लेने के आरोप में राज्य की एंटी करप्शन और विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया हैं। वही ईडी अधिकारी अंकित तिवारी का कहना हैं। कि उनके खिलाफ जांच को लेकर प्रधानमंत्री ऑफिस से निर्देश मिला हैं। अधिकारी ने उनसे 30अक्टूबर को मदुरै स्थित ईडी ऑफिस में पेश होने के लिए कहा -यह जानकारी सतर्कता और भ्र्ष्टाचार निरोधक निदेशालय ( DVAC ) ने दी हैं। ईडी अधिकारी कि गिरफ़्तारी बहुत नाटकीय ढंग से हुई। पुलिस ने उन्हें रंगे हाथो पकड़ा इसके लिए पुलिस ने 8 किलोमीटर तक पीछा किया।
गिरफ़्तारी के बाद ( DVAC ) अधिकारियो दाल ने मदुरै में उप – क्षेत्र ईडी कार्यालय में जांच की। और इस जांच में गिरफ़्तारी अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में की गई हैं। जो केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। ईडी अधिकारी ने ऑफिस के साथ अपनी एक टीम बनाई थी। जिसमे वह लोगो की धमकाते और रिश्वत ऐठता था। और संदिग्ध आरोपियों से कहता था ईडी में उनके खिलाफ दर्ज केस को बंद करवा देगा।
कौन हैं अंकित तिवारी – DVAC चेन्नई की ओर से अंकित तिवारी केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में एक इंफोसारमेट अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। अक्टूबर में तिवारी ने डिंडीगुल के एक सरकारी डॉक्टर से सम्पर्क किया फिर धीरे -धीरे मेलजोल के दौरान विजिलेंस केस बना कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया। जिसका पहले ही निपटरा हो गया था। इतना ही नहीं अंकित ने डॉक्टर से ये भी कहा की पीएम कार्यालय से निर्देश मिला हैं।
तीन करोड़ की मंग से 51लाख पर तैयार हुआ -अंकित
ईडी अधिकारी ने डॉक्टर से कहा की अगर वे तीन करोड़ रूपये देंगे तो उनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाई रोकी जा सकती हैं। लेकिन फिर बाद में तिवारी ने डॉक्टर से कहा की मैने सीनियर अधिकारियो से बात की हैं। मैं 51 लाख लेने को तैयार हूँ। उधर पीड़ित डॉक्टर ने बताया की ,एक नवम्बर को रिश्वत को पहली क़िस्त के तौर पर उसे 20 लाख रूपये दिए। इसके बाद तिवारी ने कई बार व्हाट्सप पर फोन कॉल्स और मसेज किए। जिसमे उसने कहा की अगर पैसा नहीं दिया गया तो नतीजे के लिए तैयार रहना।