रिपोर्ट -डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
वाराणसी जिला कोर्ट ने बुधवार को ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में व्यास परिवार को पूजा कि इजाजत दे दी गई हैं। ३१ सालो से यानी 1993 से तहखाने में पूजा -पाठ बंद था। लेकिन इस संचिदा मामले में कोर्ट ने कहा कि वाराणसी के डीएम साथ दिन के अंदर पुजारी नियुक्त करेंगे। इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि ओर से रखे गए पुजारी यहाँ पूजा करेंगे। हिन्दू पक्ष के वकील आज इस फैसले को राममंदिर का ताला खुलवाने जैसा मान रहे हैं।
वही कुछ समय पहले अयोध्या में विवादित ढांचा ढ़हने के बाद ज्ञात्वापि के चारो तरफ प्रशासन ने लोहे कि बैरिकेडिंग कर दी थी। जिससे तहखाने में जाने का रास्ता बंद होने के साथ पूजा -पाठ भी बंद तहखाने को डीएम कि निगरानी में सौपने के साथ वहां दोबारा पूजा शुरू करने का अनुमति दी जाए। अदालत के 17 जनवरी को डीएम को तहखाने को अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया इसके बाद 24 जनवरी को तहखाना डीएम ने अपनी सुपुर्दगी में ले लिया था।
प्राचीन मुर्तिया धार्मिक महत्त्व होने का था दावा –
सूत्रों कि जानकारी अनुसार – बीते साल 25 सितम्बर को बाद दाखिल कर दावा किया गया था कि ज्ञानवापी के दक्षिण कि ओर से मौजूद ईमारत में तहखाना हैं। यह प्राचीन मंदिर के मुख पुजारी व्यास परिवार कि मुख्य गद्दी हैं इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यास ब्रिटिश शासन काल में भी वहां काबिज थे ओर दिसंबर 1193 तक वहां पूजा -अर्चना कि हैं।