रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
इंसानो ने शादी करना कब क्यों शुरू किया इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं वही कई अलग -अलग तथ्य हैं जैसे बच्चो की परवरिश …ब्रिटिश समाजशास्त्री एडवर्ड वैस्टरमार्क के मुताबिक – यौन संतुष्टि जीविका के काम प्रजनन और सन्तानो के पालन -पोषण के लिए पुरुष -महिला के साथ रहने लगे और शादी शामिल हुई।
संतान को वैधता – स्विस जूरिस्ट बेचोफिन के मुताबिक – संतान के पिता की पहचान नहीं हो पाती थी। शादिया महिला से पैदा हुए बच्चे को दोनों पार्टनर की वैधता देने का तरीका बनी।
आज से करीब चार हजार साल पहले शादी एक सामाजिक सस्था का रूप ले चुकी थी। जिसकी निगरानी धार्मिक सिविल औथॉर्टी के हाथो में थी। एक महिला की एक पुरुष से शादी का पहला ऐतिहासिक सुबूत मेसोपोटामिया के सबसे पुराने लिखित कानून 2,250 ईसा में मिलता हैं। भारत में वेदिक काल से शादी एक जरुरी धार्मिक पवित्र सस्कार रही हैं। वही पति -पत्नी मिलकर यक करते थे। और बच्चे पैदा करना शादी का एक जरुरी उद्देश्य था। भारत के धार्मिक ग्रंथो में दर्ज पुराणी विवाह काफी भव्य होते थे।
जैसे – रामायण में राम -सीता के भव्य विवाह का वर्णन हैं। राजा जनक ने सीता को हजारो हाथी घोड़े ,गए आभूषण उपहार में दिए थे।
वही महाभारत में अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु और उत्तरा से शादी की भव्यता का भी जिक्र हैं इसमें गीत ,नृत्य मंदिर और मेहगे उपहारों का इंतजाम था।
1518 में गुजरात के एक ब्राह्मण परिवार की शादी में जोरदार आतिशबाजी की गई थी और ऐसे ही कई राजा – महाराजाओ की शादी में आतिशबाजी पर हजारो लाखो खर्च किए गए थे। लेकिन ब्रिटिश शासक के दौरान भारत में होने वाली शादियों की भावना काफी कम हो गई आजादी के बाद भी हालत बहुत नहीं सुधरे।
1965 में भारत और पाकिस्तान जंग के बाद – शास्त्री सरकार ने गेस्ट कंट्रोल गाइड लाइन बनाई थी। जिसमे किसी भी शादी में 25 से ज़्यादा लोगो को खाना खिलाने की मनाई थी। फिर हरित कान्ति से देश में अनाज का संकट दूर हुआ। धीरे -धीरे मेहमानो की लिस्ट बढ़ने लगी और लोगो ने शादियों में जमकर खर्च करना शुरू किया और ये चलन बढ़ने में फिल्मो ने भी बड़ी भूमिका निभाई अब सोशल मीडिया ने शादी की भव्यता को लग ही रूप दे दिया हैं।
भारत में शादियों का आनुमानिक बाजार सलाना करीब 3.75 लाख करोड़ रुपए का हैं। शादी में होने वाले खर्चो की बात की जाए तो …
30% कैटरिंग और वेन्यू
19% गिफ्ट्स
14% सजावट
3% फोटोग्राफी
9% लॉजिस्टिक्स
8% हनीमून
12% इवेंट प्लानिंग
2% अन्य
शानो शौकत और लग्जरी से भारी इन शादियों में लोग जिंदगी भर की कमाई लगा देते हैं कमाई का 20% हिस्सा तक लगा देते हैं। शादियों में हैसियत से भी ज़्यादा खर्च के पीछे कुछ खास फेक्टर हैं।
जैसे – भारत में शादियों को स्टेटस सेम्बल के तौर पर देखा जाता हैं ज़्यादा मेहमानो और जान पहचान वालो को बुलाने की होड़ लगी रहती हैं। प्री -प्रेशर में बड़ी रकम खर्च होती हैं और सेलिब्रिटी की शादी फॉलो करने के लिए भी जरुरत से भी ज़्यादा पैसा खर्च हो जाता हैं।
अनंत – राधिका के प्री -वेडिंग गुजरात के जामनगर में हुई जहा 3000 एकड़ का गर्दन हैं यह एशिया का सबसे बड़ा आम का बगीचा हैं। सेरेमनी में परफॉर्म करने के लिए पॉप स्टार रिहाना को बतौर परफॉर्मर बुक किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक – उन्होंने 40 मिनट की परफॉर्मेंस के लिए 66 करोड़ रुपए लिए तीन – दिन की सेरेमनी में मौजूद महमानो को 25 डिशिज परोसी गई। मेहमानो को नौ पेज की गाइड लाइन सौपी गई थी। जिसमे शादी में होने वाले इवेंट और ड्रेस कोड की जानकारी भी इन खास इंतजामों चलते ही ये प्री -वेडिंग भारत के साथ दुनिया में भी चर्चाओं में हैं।