रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- ईवीएम के साथ वीवीपेट का इस्तेमाल करके डाले गए वोटो के पूर्ण क्रॉस -सत्यापन की मांग खारिज हुई हैं।
- बैलेट पेपर से चुनाव की मांग भी कोर्ट ने खारिज की।
- चुनाव आयोग ने कहा ईवीएम और वीवीपेट में किसी तरह की छेड़छाड़ सम्भव नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने एलर्क्ट्रोनिक वोटिंग मशीन ( ईवीएम ) के वोटो की वोटर वैरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल ( वीवीपीएटी ) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएँ खारिज कर दी हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने बैलेट पेपर से मतदान कराने वाली याचिकाओं को भी ख़ारिज कर दिया हैं। अदालत ने लम्बी चली सुनवाई के बाद बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। अर्जियों पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या ईवीएम में पड़े वोटो और उससे निकलने वाली सारी वीवीपेट स्लिप का मिलान हो सकता हैं। इस पर चुनाव आयोग ने नकारात्मक राय दी थी। और कहा था कि यदि ऐसा किया जाएगा तो फिर नतीजा आने में 12 दिन तक का वक्त लग सकता हैं।
कोर्ट ने दिए दो बड़े निर्देश – सुप्रीम कोर्ट ने दो निर्देश दिए -पहला यह हैं कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट ( एसएलयू )कि सील कर दिया जाना चाहिए। और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए सहेज कर रखा जाना चाहिए। दूसरे निर्देश यह कहा कि -उम्मीदवारो के पास परिणामो के एलान के बाद इंजीनियो को एक टीम कि ओर से जांच आने वाले ईवीएम के माइक्रोकट्रोलर प्रोग्राम को पाने का विकल्प होगा।
पीठ ने क्या कहा – न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले में दो सहमति वाले फैसले सुनाये। फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि अदालत ने सभी याचिकाओं को को ख़ारिज कर दिया हैं। जिसमे चुनावो में मतपत्रों का सहारा लेने कि मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
कोर्ट न कहा – हमने ईवीएम के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( एफएक्यू ) देखे हैं। हम तीन – चार चीजों पर स्पष्टीकरण चाहते हैं। हम तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं होना चाहते बल्कि अपने निर्णय में दोहरा सुनिश्चित होना चाहते हैं। और इसलिए यह स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। पीठ ने जिन पांच सवालों के जवाब मांगे थे। उनमे यह कि शामिल था कि क्या ईवीएम में लगे माइक्रोकट्रोलर रिप्रोग्रामेबल हैं।