वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट पंहुचा !

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

  • कोविशील्ड के साइड इफेक्ट का मामला पंहुचा सुप्रीम कोर्ट
  • चिकित्सा विशेषज्ञों का एक पैनल गठित करने की मांग
  • मुआवजा देने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग

ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया हैं। कि उनकी कोविड -19 वैक्सीन से कुछ दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। वही भारत के सीएम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूले से ही कोविशील्ड वैक्सीन को मैन्युफैक्चर किया था। ब्रिटेन कि मीडिया के अनुसार कंपनी के खिलाफ 51 मुक़दमे चल रहे हैं। दर्जनों मामले ऐसे हैं जिनमे यह आरोप लगाया हैं कि टीके के कारण जाने गए हैं। और कई लोग गंभीर रूप से बीमार पड़े हैं।

कोविशील्ड का मामला आप सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है दाखिल अर्जी में कहा गया है कि कोविशील्ड वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा लंदन में मनाया गया है कि इसके कारण बहुत बिरले मामलों में खून का थक्का जमना या प्लेटलेट की संख्या घटना शामिल है।

इस दाखिल अर्जी में कहा गया हैं कि कोविशील्ड वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा लंदन में माना गया हैं। कि इसके कारण बहुत बिरले मामलों में खून का थक्का जमना या प्लेटलेट का संख्या घटना आदि शामिल हैं। अर्जी में बहुत से युवाओ को भी दिल के दौरे पड़ने कि घटनाएं हुई हैं।

जाने एस्ट्राजेनेका ने क्या कहा – हमारी सहानुभूति उन लोगो के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया हैं या जिन्हे इससे स्वास्थ्य समस्या हुई हैं। मरीजों कि सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और हमारे अधिकारियो के पास टीको सहित सभी डावाओ कि सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट और कड़े मानक हैं।

परीक्षण और जांच के आधार पर एस्ट्राजेनेका -आक्सफोर्ट वैक्सीन ने खुद को सुरक्षित साबित किया हैं और दुनिया भर के वैज्ञानिक लगातार कह रहे हैं। कि टीकाकरण के दुष्प्रभाव बेहद दुर्लभ हैं। जबकि इन बेहद रेयर साइडइफेक्ट कि तुलना में लाभ कही अधिक हैं।

कोविशील्ड के खतरे और साइड इफेक्ट कि जांच की मांग – अर्जी में मांग की गई हैं की कोर्ट एम्स के डायरेक्टर की अध्यक्षता में चिकित्सा विशेषज्ञों का एक पैनल गठित करने का निर्देश दे। यह पैनल सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत की निगरानी में कोविशील्ड के खतरे और साइड इफेक्ट की जांच करे। यह भी मांग की गई हैं कि कोरोना के दौरान गंभीर वैक्सीन लेने से गंभीर रूप से अशक्त ( विकलांग ) हो गए लोगो और जाने गवाने वालो का मुआवजा देने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाय।