रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
“हमे याद रखना चाहिए की प्रकृति ने इंसान को पैदा किया और अपने अस्तित्व के लिए इंसान को उसकी जरुरत हैं प्रकृति से हम हैं। हमसे प्रकृति नहीं।”
भारत समेत पूरी दुनिया में 5जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता हैं। हर साल इस दिन को एक नै थीम के साथ मनाया जाता हैं। भारत में इस दिन पर्यावरण से जुड़े कई जागरूक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “हमारी भूमि ” नारे के तहत भूमि बहाली मरुस्थलीकरण और सूखे पर केंद्रित हैं हम सभी के जीवन में पर्यावण का खास महत्त्व हैं। बिना इसके स्वस्थ रहने की कल्पना करना मुश्किल हैं। धार्मिक दृष्टि के भी पर्यारवण का विशेष महत्त्व हैं।
सयुक्त राष्ट्र के अनुसार – इस दिन का उत्सव हमे पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन में व्यक्तियों उघमों और समुदायों द्वारा जागरूकता एवं उत्तरदायी आचरण के लिए आधार को व्यापक बनाने का अवसर प्रदान करता हैं लोगो को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना। प्रकति बिना मानव जीवन सम्भव नहीं। ऐसे में यह बेहद जरुरी हैं कि हम पेड़ -पौधे जंगलो नदियों ,झीलों ,भूमि ,पहाड़ ,सबके महत्त्व को समझे। इस दिवस को मनाने का फैसला १९७२ में सयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद लिया गया। इसके बाद ५ जून १९७४ को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। प्रतिवर्ष दिवस कि एक खास थीम होती हैं। पिछले साल थीम प्लासिटक प्रदूषण के समाधान पर आधारित थी। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस २०२४ की थीम। Land Restoration ,Desertification And Drought Resilience हैं इस थीम का फोकस हमारी भूमि नारे के तहत भूमि बहाली मरुस्थलीकरण और सूखे पर हैं। हम सभी के जीवन में पर्यावरण का खास महत्त्व हैं। बिना इसके स्वस्थ रहने की कल्पना करना मुश्किल हैं। धार्मिक दृष्टि के भी पर्यावरण का विशेष महत्त्व हैं।
जिस तरह पेड़ो की अंधाधुंध कटाई और बढ़ते प्रदूषण के चलते पर्यावरण दूषित होता जा रहा हैं। ग्लोबल वार्मिग बढ़ती जा रही हैं। खराब हवा लोगो का डीएम घोट रही हैं। शहरों में बहुत से लोगो को बदतर आवोहना के चलते लोगो को साँस ,ह्रदय ,फेफड़ो ,की बीमारिया हो रही हैं। हमे यह समझना चाहिए की सम्पूर्ण मानवता का अस्तिव्त प्रकृति पर निर्भर हैं। इसलिए एक स्वथ्य एवं सुरक्षित पर्यावरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी हैं। पृथ्वी गृह पर ही मानव जीवन सम्भव हैं इसलिए इसे जीने लायक बनाएं रखना हमारी जिम्मेदारी हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस के उद्देश्य –
– पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में भाग लेने के लिए व्यक्तियों समुदायों और संगठनों को जोड़ना।
– जलवायु परिवर्तन ,वनो की कटाई ,प्रदूषण और जैव विविधता हानि जैसी ,वैश्विक पर्यावरण चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करना।
– पर्यावरण संरक्षण ओर सतत विकास के उद्देश्य से बनाई गई नीतियों ओर फ्लो का बढ़ावा देना।
क्या कर सकते हैं –
– हमे चाहिए हम वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाए।
– तालाब नदी पोखर को प्रदूषित नहीं करे ,जल का दुरूपयोग नहीं करे।
– बिजली का अनावश्यक उपयोग नहीं करे इस्तेमाल के बाद बल्ब ,पंखे या अन्य उपकरणों को बंद रखे।
– प्लास्टिक /पॉलीथिन का उपयोग बंद करे। कागज या कपड़े के बने झोले थैले का उपयोग करे।
– पशु -पक्षियों के प्रति दया भाव रखे नजदीकी कामो के लिए साईकिल का उपयोग करे।
पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपनानी होगी पर्यावरण के संतुलन कायम रखने से ही जीव और मानव का विकास सम्भव हैं। सोलर ऊर्जा का प्रयोग बढ़ाना होगा। ऊर्जा का अनावश्यक खर्च न करने की आदत डालनी होगी। जल संसाधनों की बचत करनी होगी।