विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – भारत की धरती योग की जन्मभूमि हैं !

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क


योग एक ऐसी विघा हैं जो न सिर्फ तन को स्वास्थ्य रखता हैं बल्कि मन को भी स्वस्थ्य बनाता हैं यह भारतीय पद्धति अब दुनियाभर में अपनी खास पहचान बना चुकी हैं। योग जे जरिए इंसान तनावपूर्ण स्थिति पर आसानी से नियंत्रण बनाएं रख सकता हैं। हर साल 21 जून को पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए एक साथ करते हैं। इसी कड़ी में भारत में भी इसे लेकर बड़े स्तर पर तैयारी होती हैं।

योग शब्द संस्कृत शब्द “यूज” से निकला हैं जिसका अर्थ “जोड़ना ” या एकजुट करना तथा यह मन शरीर और आत्मा में सामजस्य लाने के दर्शन का प्रतिक हैं। यह केवल शारीरिक आसनो से कही अधिक हैं। क्योकि यह स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण हैं जो श्रास व्यायाम ध्यान और नैतिक सिद्धांतो को एकीकृत करता हैं।

पहली बार बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन विश्व के लाखो लोगो ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया। वही भारत में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के राजपथ पर हुआ जिसमे 35000 से अधिक लोग शामिल हुए।

योगाभ्यास करने वाले छात्र – अध्ययन के लिए देश के कई विवि से कुल 224 छात्रों को चुना गया। जिसमे 45%पुरुष थे और 55%महिलाय थी। तब प्रतिभागियों की आयु 18 से 30 साल के बीच थी। इस तरह से प्रतिभागियों को औसत आयु 22 -31 साल रही। योग करने वाले छात्रों को विभिन्न योग केन्द्रो और विवि के योग विभाग से चुना गया था।

योग दिवस मनाने के कारण का विवरण –

  • प्राचीन परम्परा – योग एक ऐसी प्रथा हैं जिसकी उत्पातरी हजारो वर्ष पहले भारत में हुई थी। इसे मनाने से इसके ऐतिहासिक महत्त्व का स्वीकार किया जाता हैं।
  • समग्र स्वास्थ्य – योग शारीरिक व्यायाम से कही आगे जाता हैं। इसमें मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को सम्मिलित किया गया हैं।
  • वैश्विक अपील – हाल के दिनों में योग की लोकप्रियता दुनिया भर में काफी बढ़ गई हैं। यह दिन इसकी सार्वभौमिक स्वीकृति का जश्न मनाता हैं।

(प्रधानमंत्री मोदी ने योग के कल्याणकारी लाभों तथा स्वास्थ्य के प्रति इसके समग्र दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला उन्होंने इस उत्सव के लिए 21 जून को आदर्श तिथि बताया क्योकि यह कई संस्कृतियों में महत्त्व रखती हैं।

मोदी जी ने 27 सितम्बर 2014 में भारतीय सयुक्त राष्ट्र महासभा …को सम्बोधित किया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव ने गति पकड़ी और सयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर 2024 में एक प्रस्ताव पारित कर आधिकारिक तौर पर 21 जून को अंतर्राष्टीय योग दिवस घोषित कर दिया। वही रिकार्ड तोड़ 177 सदस्य देशो ने प्रस्ताव का समर्थन किया।

योग दिवस का महत्त्व –

  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य -योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता हैं शरीर स्वस्थ रहता हैं और रोगो की चपेट में आने से बच जाता हैं।
  • सकारात्मक जीवन शैली -योग एक स्वास्थ्य और संतुलित जीवन शैली की ओर प्रोत्साहित करता हैं। ध्यान व योग मानसिक गति देता हैं। जिससे सकारात्मक विचार आते हैं।
  • सांस्कृतिक एकता – योग एक प्राचीन भारतीयों परम्परा हैं जो अब वैश्विक सस्कृति का हिस्सा बन चुकी हैं योग से परस्पर देश -विदेश के योगी एक दूसरे से जुड़ते हैं। तो इससे सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देते हैं।
  • अंतर्राष्टीय योग दिवस – हर साल योग दिवस एक खास थीम होती हैं इस साल योग दिवस की थीम समाज को स्वास्थ्य ओर मजबूत बनाने पर आधारित हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस २०२४ भी थीम स्वंय के लिए ओर समाज के लिए योग हैं।