रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
सपा के राष्टीय महासचिव मोहम्मद आजम खान के हमसफ़र रिजॉट पर एक बार फिर प्रशासन की बुलडोजर कार्यवाई शुरू हो गई हैं। मंगलवार की सुबह में ही जेसीबी लेकर पहुंची एसडीएम ने सरकारी जमीं पर बनी दीवार और भवन के ध्वस्तीकरण की कार्यवाई शुरू कराई हैं।
मालूम हो की पूर्व म रामपुर जिला प्रशासन ने तहसीलदार सदर की कोर्ट में वाद दायर किया था इसमें कहा गया था कि रिजॉट में खाद के गड्ढो कि 0.0380 हेक्टेयर जमीन हैं। जिसकी गाटा संख्या 164 हैं कोर्ट के आदेश पर पैमाइश कराई गई हैं इसमें पुष्टि हुई कि यह जमीन खाद के गड्ढो कि हैं।
अवैध कब्जे का मामला चार साल पहले सामने आया था –
तहसीलदार कोर्ट में वाद दायर हुआ था 2021 में तहसीलदार ने 380 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा बताते हुए इसे हटाने के आदेश जारी किए थे। इस आदेश के ख़िलाफ़ आजम खान कि ओर से राजस्व परिषद् से भी उन्हें रहत नहीं मिल सकी।
एक सप्ताह पहले जारी किया गया था नोटिस –
29 जून 2024 को तहसील सदर के कानूनगो ने एक सप्ताह का समय देते हुए अवैध कब्जा हटाने के लिए नोटिस जारी किया था लेकिन कब्जा नहीं हटाया गया तीन दिन पहले शश्र विधायक आकाश सक्सेना ने उप जिला अधिकारी सदर को पत्र लिखकर अवैध कब्जा हटवाने कि बात कही।
जिलाधिकारी का बयान –
जिलाधिकारी रामपुर जोगिन्दर सिंह ने बताया कि पसियापुर गांव में गता संख्या 164 का रकबा 0.0380 हेक्टेयर हैं जिसे खाद के गढडो के लिए चिन्हित किया गया था। हमसफ़र रिजॉट का कुछ हिस्सा इस भूमि पर था बाउंड्री वॉल ओर एक जल परियोजना कि कब्जे में शामिल थी जिसे आज कब्जा युक्त कराया गया हैं।
कोर्ट का आदेश ओर अनुपालन –
तहसीलदार कि कोर्ट में धारा 67 के तहत बेदखली का मामला दर्ज किया गया था और 22 फरवरी 2021 को इसका अनुपालन कराया गया था 2022 में कब्जे को मानते हुए ५ लाख रूपये की क्षतिपूर्ति की जमा कराई गई थी।
इस प्रकार प्रशासन ने आजम खान के हमसफ़र रिजॉट पर कार्यवाई करते हुए अवैध कब्जा हटाया और परिवार को कब्जा मुफ्त कराया। यह कार्यवाई स्थानीय विधायक की शिकायत और प्रशासनिक दबाव के तहत की गई।