क्या है सेरोगेसी ? कितने प्रकार की होती हैं…

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

सरोगेसी का मतलब होता है कि अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरी महिला की को कोख में अपने बच्चों को पालना जो कपल पैरेंट बनना चाहते हैं लेकिन वह बच्चा पैदा नहीं करना चाहते वह ऐसा करते हैं। इसमें पुरुष के स्पर्म और उस महिला की कोख में प्रतिरोपित करते हैं। जिसकी कोख किराए पर ली जाती है। इसके बाद वहां प्रेग्नेंट होती है और बच्चे को जन्म देती है। इस ट्रेडिशनल सेरोगेसी कहते हैं दूसरी तरह की सेरोगेसी कहते हैं इसमें बच्चे की चाह रखने वाले पुरुष के स्पर्म और बच्चे की चाह रखने वाली मां के अंडे का मेल टेस्ट ट्यूब में कराने के बाद सरोगेट मदर या उस महिला के यूट्स में प्रत्यारोपित किया जाता है जिसकी को किराए पर ली गई है।

देश में सरोगेसी एक्ट बना ताकि कोख की खरीद बिक्री न हो लेकिन क्या ये रुक पाया अस्पतालों से लेकर सोशल मीडिया पर पूरा नेटवर्क है जो 15 से लेकर 40 लाख या इससे भी ज्यादा में आपकी शर्तों पर सरोगेट दिलवाएगा कोई सरोगेट बनना चाहे तो उसके लिए जरूरतमंद कपल भी खोज लाएगा खुफिया ढंग से काम करती इस दुनिया के हमने भी ख़ुफ़िया नाम से सेंध लगाई और पाया कि ऑर्गन्स की तरह इसका भी रैकेट चल रहा है लेकिन ज्यादा गुपचुप तरीके से।

सरोगेसी दो तरह की होती है

जेस्टेशनल सरोगेसी –
इसमें माँ – पापा बनने वाले कपल के एग और स्पर्म को फर्टिलाइज करके सरोगेट मां के यूट्रस के टेस्ट ट्यूब की मदद से रखा जाता है इस प्रक्रिया में सरोगेट में बच्चों की बायोलॉजी की माँ नहीं होती हैं।

ट्रेडिशनल सरोगेसी –
जिसमें पिता बनने वाला या डोनर का स्पर्म सरोगेट माँ के एग से मैच कराया जाता है यानी स्पर्म को सीधे सरोगेट माँ के यूट्रस एग से मैच कराया जाता है इसमें सरोगेट माँ बच्चे की बायोलॉजिकल मां होती है।