रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
राजधानी के रोहिणी में दिल्ली सरकार के शेल्टर होम आशा किरण में रहने वाले मानसिक रूप से बीमार 14 लोगों की मौत होने की बात सामने आई इस मामले की जानकारी मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश देते हुए 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। इस एक्सक्लूसिव खबर से पता चला कि पिछले 7 महीने में यहां 27 बच्चों की मौत हुई है जबकि जुलाई में 13 बच्चे मौत के मुंह में चले गए । हैरानी की बात यहां है की मौत की वजह बच्चों की देखरेख और पीने के पानी की ठीक व्यवस्था न होना बताया गया है।
यहां इस साल लगातार मौते हुई हैं जिसमें जनवरी में 3 ,फरवरी में २, मार्च में 3 ,अप्रैल में २, मई में १ , जून में तीन और जुलाई में 13 मौते हुई जबकि वर्ष 2023 में जनवरी से जुलाई के बीच ही कुल 13 लोगों की मौत हुई थी आशा किरण प्रशासन इतने गंभीर विषय पर बात ही करने को तैयार नहीं।
अधिकांश मृतकों की उम्र 20 से 30 साल के बीच –
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जनवरी में 3 ,फरवरी में २, मार्च में १, अप्रैल में तीन और मई में शून्य मौते हुई थी हालांकि जून और जुलाई में संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई।
सूत्रों ने बताया कि , रोहिणी में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में दो शब्दों का पोस्टमार्टम होना बाकी है। आधिकारिक सूत्र ने कहा कि , ऐसे मामले भी थे जिनमें लोगों में कुपोषण के लक्षण दिखे फूड प्वाइजनिंग की संभावना को खारिज करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला एफएसएल की रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है। जिस सरकारी संस्थान से उम्मीद की जाती है कि वह लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे वहीं इस तरह की घटनाक्रम डरावनी स्थिति पैदा करते हैं। वैसे बच्चों की मौत को लेकर कार्रवाई की बात कही जा रही है माना कि दोषियों पर एक्शन तो होगा लेकिन जिन बच्चों की मौत लापरवाही की वजह से हुई वह तो लौटकर नहीं आ सकते और क्या प्रशासन इस बात की गारंटी दे सकता है कि भविष्य में इस तरह से किसी बच्चे की मौत नहीं होगी।
बच्चों को नहीं मिलती प्रॉपर डाइट –
में काम करने वाले कर्मी की जुबानी , बच्चों को जो पहले सुविधा मिलती थी वह अब सुविधा नहीं मिलती है अंदर के बहुत बुरे हालात हैं ना ही बच्चों को प्रॉपर डाइट मिलती है 4 साल पहले तक बच्चों को दूध , अंडा सब मिलता था लेकिन अब सब बंद कर दिया गया है। सिर्फ दाल रोटी मिलती है और अभी भी कम से कम 20 से 25 बच्चों को टीबी की बीमारी है।
पहले भी विवादों में घिरा रहा आशा किरण –
दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित 350 लोगों के रहने की क्षमता वाले इस शेल्टर होम की स्थापना 1989 में रोहिणी सेक्टर ए में की गई थी उसे समय यह पूरे उत्तर भारत में मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एकमात्र सरकारी शेल्टर कौन था।
मौतों के आंकड़ों पर भाजपा का दवा –
आशा किरण होम में रहस्य्मयी मौतों के मामले में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता ने कहा कि , आशा किरण दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है यहां पर दिव्यांग लोगों को रखा जाता है लेकिन इस शेल्टर होम में लगातार मौते हो रही हैं।
आप का बीजेपी पर निशाना –
दिल्ली के आशा किरण में हुई रहस्य्मयी मौतों के मामले पर दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि भाजपा प्रदर्शन करने पहुंच रही है लेकिन मां बेटे की मौत पर प्रदर्शन करने के लिए मयूर विहार नहीं गई। भाग कर आशा किरण पहुंच गई क्योंकि उनको पता है कि वह दिल्ली सरकार के अधीन आता है। इस मामले में संबंधित मंत्री को क्लोजलि मॉनिटर कर रहे हैं। दोषी लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा दिल्ली सरकार लोगों के साथ खड़ी है।