घरवालों को बनाया बंधक, जेवर और रुपये लूटे
मोo कलीम
लखनऊ। राजधानी के पारा थाना क्षेत्र में हुए दुष्कर्म और लूट की घटना को पुलिस सुलझा भी नहीं पाई थी कि बीती रात काकोरी में डकैतों ने एक और वारदात को अंजाम देते हुए सनसनी फैला दी। डकैतों ने राजधानी पुलिस को खुली चुनौती देते हुए घर के मुखिया को बंधक बनाते हुए मारपीट के साथ डकैती को अंजाम दिया। सूचना के बाद देर से पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
काकोरी थानाक्षेत्र के बाजनगर गांव में सियाराम अपने परिवार के साथ रहते हैं। बीती रात वह घर के सदस्यों के साथ भोजन करके अपने कमरे में चले गए। बुधवार की रात एक बजे के आसपास पांच से छह हथियार बंद बदमाशों ने उनके घर पर धावा बोल दिया। परिजन जब तक जान पाते इससे पहले ही डकैतों ने सभी को बंधक बना लिया। तमंचे के बल पर घर में रखे रुपये और जेवरों को लूट लिया। मुखिया और अन्य लोगों ने जब विरोध किया तो लोहे की रॉड से मार-पीट कर अधमरा कर दिया। डेढ़ से दो लाख रुपये की लूट करने के बाद फायरिंग करते हुए भाग निकले। परिजनों ने 100 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। देर से पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। सभी घायलों को उपचार के लिए भर्ती करवाया गया है।
डेढ़ घंटे तक हुई नृशंसता
24 घंटे के अंदर हुई दूसरी वारदात में बदमाशों ने घर में डकैती के साथ नृशंसता की। पहले घर वालों को बंधक बनाया फिर लोहे के रॉड से जमकर मारा पीटा। इससे सियाराम के सिर पर गंभीर चोट आ गई और वह उसी जगह लहूलुहान होकर गिर पड़े। इसके बाद घर के एक-एक कमरे की तलाशी लेते हुए जेवर और रुपयों को खोज-खोज कर लूटा।
फारिंग करते हुए अपराधी भाग निकले
घटना को अंजाम देने के बाद बादमाशों ने गांव में दहशत फैलाने के उद्देश्य से तीन से अधिक हवाई फायर भी किए। हालांकि पुलिस ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है। प्रभारी ने बताया कि सुबह आसपास के लोगों से पूछने पर पता चला कि कुछ ने फायरिंग की आवाज सुनी है और कुछ ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है। मामले की जांच की जा रही है।
घटना होने के बाद फिर देरी से पहुंची लखनऊ पुलिस
मंगलवार को पारा में हुई घटना से पुलिस ने कोई भी सीख नही ली। इसी का परिणाम हुआ कि काकोरी पुलिस भी घटना के कई घंटे के बाद मौका ए वारदात पर पहुंची, लेकिन तब तक बदमाश अपने मंसूबों को अंजाम देते हुए भाग निकले। देर से पहुंची पुलिस पड़ताल करने के नाम पर खानापूर्ति करती नजर आई। अभी तक उसे कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है।
राजधानी पुलिस से परे है डीजीपी का आदेश
राजधानी की पुलिस अपने सर्वोच्च मुखिया जावीद अहमद के आदेशों को नहीं मानती। पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश भर की पुलिस को रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक रात में गस्त तेज करने का आदेश दिए थे। लेकिन इसके बाद भी एक के बाद एक वारदात ने पुलिस महानिदेशक के आदेश की धज्जियां उड़ा दी हैं।।