रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
लंबे , घने और काले बाल हर किसी को चाहिए। मार्केट में उनके लिए कई तरह के शैंपू ,कंडीशनर और हेयर ऑयल मौजूद है। जो बालों को ग्रोथ अच्छी होनी होने का दावा करते हैं। इस आदिवासी हेयर ऑयल को लेकर कुछ मुख्य बातें हैं। पहली बात तो यहां की कर्नाटक के आदिवासी लोगों द्वारा तैयार किया जाता है और इसमें 108 तरह की जड़ी बूटियां का उपयोग होता है। इन लोगों को अपने उत्पाद को बेचने के लिए कोई वेबसाइट नहीं वह सीधे ग्राहकों से संपर्क करते हैं इस तेल को कई सिलेब्रिटीज इफ्लुएंसर्स प्रमोट कर रहे हैं। जिनमें कॉमेडियन भारती सिंह ,कोरियोग्राफर फराह खान, यूट्यूब एलविश यादव जैसे कई नाम शामिल है।
प्रमोशन देखने के बाद यहां तेल वृद्ध और युवाओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है इस हेयर ऑयल का ऐड ऐसे पुरुष और महिला मॉडल द्वारा किया जाता है। जिनके लंबे , घने और काले बाल है। यह भी दावा किया जाता है कि यह तेल बालों की ग्रोथ के लिए जिम्मेदार तो है ही बल्कि यह उन लोगों के लिए सिर पर भी हेयर ग्रोथ कर सकता है जिनके बाल नहीं है।
इस हेयर ऑयल का उपयोग बहुत ही सरल है। हफ्ते में सिर्फ तीन बार लगाया जाना है। इसमें किसी भी तरह के साइड इफेक्ट नहीं है और कोई भी व्यक्ति इसका उपयोग कर सकता है इस हेयर ऑयल की स्मेल जो कुछ लोगों को परेशान कर सकती है हालांकि यह इरिटेशन या परेशानी नहीं पैदा करती।
कहां बनता है यह तेल –
पश्चिमी और दक्षिण भारत के जंगली इलाकों ( कर्नाटक ) में हक्की-पक्की जनजाति समुदाय है जो जानवरों और पक्षियों का शिकार करते है। यह कर्नाटक की एक अनुसूचित जनजाति है और इस ऐतिहासिक दृष्टि से राणा प्रताप सिंह से संबंधित माना जाता है।
आदिवासी हेयर ऑयल के क्या फायदे हैं बताए गए हैं –
आदिवासी हेयर ऑयल की ऑफिशल वेबसाइट पर इस तेल की खासियत और कुछ फायदे बताए गए उनका कहना है कि पूर्वज पांच पीढ़ियों से अधिक समय से अपने लिए घर पर इस तेल को बनाते आ रहे हैं। उनके तेल में पैराबान नहीं है , सिलिकॉन नहीं है, पैराफिन नहीं है, कहा जा रहा है कि उनका तेल रूसी खत्म करना ,बालो को मजबूती देने ,गंजे लोगों के सिर पर बाल उगाने ,बालों को झड़ने से रोकने में फायदेमंद है।
- अगर आप अपने बालों को पहले जैसा चमकदार और मुलायम चाहते हैं तो आदिवासी जड़ी बूटी का तेल आपके लिए या शानदार विकल्प हो सकता है यह तेल प्राकृतिक सामग्री से बना है और आपके बालों के लिए सुरक्षित होता है।
- रात को सोने से पहले अपने बालों की जड़ों पर आदिवासी तेल लगाए और उन्हें 5 से 10 मिनट तक धीरे-धीरे मसाज करें।
अगली सुबह / नरम केमिकल – फ्री शैंपू से अपने बालों को धोएं यदि रात को नहीं किया जा सकता है तो बाल को धोने से पहले तेल को घंटे पहले लगाए।
एक्सपर्ट का क्या कहना है
यह तेल कर्नाटक के हिक्की – पिक्की समुदाय द्वारा अगर बनाया गया है तो उनके पूर्वजों की जड़े जंगल और वहां से प्राप्त चीजों से जुड़ी हुई है। प्रकृति के इतने करीब होने के कारण उनके काले लंबे और घने बाल होना उनके जेनेटिक्स और वहां के खान – पान और पर्यावरण के कारण भी हो सकता है।
वहां के लोगों की लाइफस्टाइल ,शहरी लाइफस्टाइल से काफी अलग है। वहां पॉल्यूशन नहीं होता प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग से उनके बालों का पॉजिटिव असर होता है। इसलिए हो सकता है कि उनके बाल केवल तेल लगाने से नहीं बल्कि नेचुरल रूप से ही ऐसे हो।
काफी सारे प्राकृतिक इनग्रेडिएंट है –
आदिवासी हेयर ऑयल के मेकर्स दावा करते हैं कि इस तेल में 108 या 180 प्राकृतिक इंग्रेडिएंट्स मिले हुए हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि यह अधिक इंग्रेडिएंट्स होने का यह मतलब नहीं है कि यह हेयर ग्रोथ में काम करेगा।
आप फायदा की बात करें तो –
– बालों को पोषण देता है
– रुसी और खुजली को कम करता है
– बालों को झड़ना कम करना
– बालों का विकास बढ़ाता है
– बालों को मुलायम और चमकदार बनाता है
– बालों को डैमेज होने से बचाता है