शिखर धवन का इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

  • शिखर धवन ने 34 टेस्ट की 58 पारियों में बनाएं 2315 रन
  • 167 वनडे 20 इंटरनेशनल में शिखर धवन के नाम 6793 रन
  • 68 T20 इंटरनेशनल में शिखर धवन ने ठोके 1759 रन

टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने शनिवार सुबह अपने 14 साल लंबे इंटरनेशनल करियर को विराम दिया। लंबे समय से टीम इंडिया में वापसी की बाट जोह रहे थे। सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने संन्यास का ऐलान किया। 38 वर्षीय धवन लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे और वापसी के लिए संघर्ष भी कर रहे थे। लेकिन जब कामयाबी हाथ नहीं लगी उनके आखिरी और पहले इंटरनेशनल मैच में लगभग एक जैसा ही नजारा था। वह दोनों में फ्लॉप रहे। उन्होंने भारत के लिए 34 टेस्ट 167 वनडे और 68टी20 मैच खेले जिसमें क्रमश 2315 , 6793 और 1759 रन बनाएं।

धवन ने 10 दिसंबर 2022 को अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। वनडे प्रारूप का यह मुकाबला चाटगांव में खेला गया था। इस मैच में धवन में तीन रन बना पाए थे। इसी तरह धवन ने अपनी आखिरी T20 मैच कोलंबो में 29 जुलाई 2021 को श्रीलंका में खेला था।

इस मैच में वे खाता भी नहीं खोल पाए थे धवन ने अपना आखिरी टेस्ट सितंबर 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवर में खेला था। इस मैच की दोनों पारियों में तीन और एक रन बनाए थे।

114 बनाम दक्षिण अफ्रीका केडिफ में चैंपियंस ट्रॉफी 2013 –
चैंपियंस ट्रॉफी 2010 में डेब्यू करने वाले शिखर धवन ने चैंपियन ट्रॉफी 2013 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यादगार पारी खेली उन्होंने इस मैच में अपने वनडे करियर का पहला शतक लगाया।

धवन ने 121. 28 की स्ट्राइक रेट में 94 गेदो पर 114 रन जड़ दिए थे। रोहित शर्मा और शिखर धवन के बीच पहला विकेट के लिए 27 रनों की साझेदारी हुई। भारत ने यह मैच 26 रन से जीता था।

डेब्यू मैच में नहीं खुलता खाता –
गब्बर के नाम से मशहूर धवन ने 20 अक्टूबर 2010 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच के साथ अपना इंटरनेशनल करियर शुरू किया था। वहां विशाखापट्टनम में डेब्यू मैच में खाता तक नहीं खोल सके थे। उन्हें क्लिट मैक्के ने पहले ओवर के बोर्ड किया था। धवन मेहज दो गेंद ही खेल पाए। भारत ने 290 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 5 विकेट से जीत हासिल की थी।

भारत के लिए खेलना मंजिल थी –
धवन ने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए कहा आज मैं एक ऐसे मोड़ पर खड़ा हूं जहां से पीछे देखने पर सिर्फ यादें ही नजर आती है और आगे देखने पर पूरी दुनिया मेरी। हमेशा से सिर्फ एक ही मंजिल थी भारत के लिए खेलना और वह भी इसके लिए मैं कई लोगों का शुक्रगुजार हूं। मैं अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा करता हूं और अब जब मैं अपने क्रिकेट यात्रा को अलविदा कर रहा हूं तो मेरे दिल में सुकून है कि मैं अपने देश के लिए बहुत खेला।