रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- बहराइच के भेड़िए ने अब तक के ली नौ लोगों की जान
- तीन व आठ और 18 अगस्त को पकड़े जा चुके हैं दो भेड़िया
- बहराइच में पकड़ा गया चौथा भेड़िया
- बहराइच में भेडियो का आतंक
- भेडियो की दहशत में यूपी के यहां जिले 16 टीमों ने संभाला मोर्चा
- बहराइच के 35 गांव में आदमखोर का आतंक लाठी डंडों के साथ लोगों का रतजगा
- बहराइच के आदमखोर भेडिया ने दो बच्चों की ली जान
यूपी के बहराइच जिले में भेडियो का आतंक जारी है वन विभाग तीन भेडियो को पहले ही पड़ चुका था। चौथा भेड़िया गुरुवार की सुबह पकड़ा गया। वन विभाग में उसे पकड़ने के लिए प्लानिंग के साथ पिंजरा लगाया था। सुबह 11:00 करीब वह उसमें कैद हो गया। अब तक चार भेड़िया पकड़े जा चुके हैं। इनमें से दो की मौत हो गई है वन विभाग के अनुसार अभी भी दो भेड़िया खुले आम घूम रहे हैं।
बहराइच में इन आदमखोर भेडियो को पकड़ने के लिए 5 प्रभागो बहराइच , कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ ,श्रीवस्ती गोंडा और बाराबंकी की लगभग 25 टीम में लगी हुई है। अब इन आदमखोरों ने अपना दायरा जिले के अन्य क्षेत्रों तक बढ़ा दिया है। जहां बहराइच के डीएफओ इन भेडियो की संख्या कुछ छह बता रहे हैं। तो प्रभावित इलाकों के ग्रामीण इनकी संख्या दो दर्जन बता रहे हैं। आज इस भेड़िए को पकड़ा गया है। उसे ट्रेंकुलाइज करने वाले अधिकारियों ने बताया कि इसका डीएनए सैंपल लिया गया है और जब टेस्टिंग के बाद ही पता चलेगा कि क्या यह भेड़िया इस ग्रुप का है।
घरों में लगवाए जा रहे हैं दरवाजे –
इसके पहले बुधवार को वन मंत्री के साथ बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि जिन घरों में दरवाजे नहीं है। वहां दरवाजा लगाए जा रहे हैं। इसके लिए सीएसआर समेत अन्य फंड से पैसा दिया जा रहा है । गांव की रात्रि गश्त किया जा रहा हैं। लोग रात – रात भर जाकर गांव का पहरा दे रहे हैं। अपने बच्चों और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें अंधेरा होने के बाद घर के बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। कई बार लोगों ने भेडियो की गतिविधियों का मोबाइल में वीडियो भी बनाया।
कब से शुरू हुआ वीडियो का आतंक –
जिले के औराही गांव से भेडियो के आतंक शुरुआत हुई यहां भेडियो ने पहले अटैक ७- 7 साल के दो बच्चों पर किया। फिरोज नाम के बच्चे पर करीब डेढ़ महीने पहले भेडियो के झुंड ने हमला कर दिया था। भेड़िया करीब 200 मीटर तक खेत में घसीट कर ले गया। फिर वह भेडियो ने बच्चे को गांव के पास खेत में छोड़कर भाग गया। लहू -लुहान फिरोज को फिर परिवार के लोग ने अस्पताल ले गए जहां 13 दिनों तक इलाज के बाद उसकी जान बची। आज भी वहां बच्चा भेडियो के नाम से ही सेहर जाता है।