रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
अफ्रीका में कहर भरपाने वाले एम पॉक्स वायरस ने भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी। हालांकि… अभी देश में एक ही पुष्टि मामला सामने नहीं आया ।
- दुनिया भर में एम पॉक्स के कुल 102,99 7 मामले
- अफ्रीकी देश इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित
- दुनिया भर में वायरस से 223 लोगों की जान गई
- मंकी पॉक्स वायरस का भारत में भी खतरा
- मंकी पॉक्स वायरस से क्यों खौफनाक में दुनिया
- मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट एडवाइजरी जारी
- कोरोना के बाद मंकी पॉक्स का खतरा
केंद्र ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी किया। इसके तहत संदिग्ध मरीजों की जांच कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेट करने पर जोर दिया गया है। खबर है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने संदिग्धों की स्क्रीनिंग और कॉन्ट्रैक्ट टेस्टिंग की हिदायत दी है। खास बात यह है कि हु यानी (विश्व स्वास्थ्य संगठन मंकी पॉक्स को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है। इस बीमारी से सैकड़ो लोगों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली में मिला संदिग्ध केस –
रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकी पॉक्स के संदिग्ध केस की जानकारी दी थी। शख्स विदेश से भारत लौटा था सरकार ने बताया था कि मरीज को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया और उसकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया था कि मरीज के नमूनों की जांच की जा रही है। ताकि एम पॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के पहले बयान के अनुसार 2022 से अब तक 116 देश में ९९,176 मंकी पॉक्स के मामले सामने आए हैं। जिनमें से 208 लोगों की मौत हो चुकी है पिछले साल संक्रमितों की संख्या में काफी वृद्धि हुई थी इस साल अब तक सामने आए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है।
अनावश्यक दहशत फैलाने से बचने की जरूरत –
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे पत्र में उनसे लोगों में अनावश्यक दहशत फैलाने से बचने को कहा उन्होंने सतर्क रहने की जरूरत पर बोल दिया उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय लगातार उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रखा है वहीं केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली में एक मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीजों को लेकर जानकारी भी साझा की है।