रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
साइबर ठागो ने मनी लांड्री के फसाने की धमकी देकर लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर तैनात लोको पायलट को 3 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। रिहाई के बदले आरोपियों ने ₹50,000 की जमा करा लिए। पीड़ित की तहरीर पर पारा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया हैं।
नरपतखेड़ा निवासी लोको पायलट मुंशीराम चारबाग में तैनात है। उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई फोन करने वाले ने बताया कि वहां नई दिल्ली कस्टम ऑफिस से बोल रहा है । आरोपी ने लोको पायलट से कहा कि उसकी पत्नी के नाम एक पार्सल कंबोडिया भेजा गया है। जिसमें आपत्तिजनक चीज हैं आप भी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है। इसलिए दिल्ली पुलिस आपसे पूछताछ करेगी मुंशीराम के मना करने पर आरोपी नहीं माना उसके व्हाट्सएप पर एक एफआईआर की कॉपी भेजी जो लोको पायलट की पत्नी के नाम थी।
पीड़ित के मुताबिक वीडियो कॉल पर वर्दी पहने हुए एक व्यक्ति नजर आया ठग ने लोको पायलट से कहा कि तुम्हें डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। लोको पायलट के मुताबिक पत्नी की मौत दो साल पहले हो चुकी थी यह जानकारी देने के बाद भी आरोपी कुछ सुनने को तैयार नहीं थे।
रिहाई के बदले मांगे रुपए –
मुंशीराम के मुताबिक… 3 घंटे तक वर्चुअल अरेस्ट रहने से वहां दबाव में आ गए थे उन्हें घबराते देकर आरोपी ने खातों की जांच करने की बात कही। झाँसा देकर करीब ₹50 ,000 रूपये भी जमा कराए। परेशान होकर मुंशीराम ने पारा कोतवाली में आईटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कराया।
सुरक्षा एजेंसी व पुलिस नहीं करती डिजिटल अरेस्ट –
साइबर क्राइम के पूर्व एसपी विशेषज्ञ सुरक्षा से जुड़े ऐसे कई बिंदु बताते हैं उन्होंने कहा कि बैंक खाते से जुड़ा कोई भी ओटीपी ,एटीएम से जुड़ी जानकारी किसी अजनबी से साझा ना करें। यह भी हमेशा ध्यान रहे की बैंक मैनेजर भी आपसे पिन नंबर नहीं पूछ सकता हैं।
यह सावधानियां बढ़ाते –
एसपी साइबर क्राइम अभिनव के मुताबिक दुनिया में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं होती हैं। जालसाजो ने कुछ माह से ठगी का तरीका बदल दिया। ऐसे में हमें सबसे अधिक सावधान रहने की जरूरत है। लोगों को विशेष रूप से इन बातों का ध्यान रखना चाहिए । दुनिया में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई भी चीज नहीं होती हैं।
पुलिस कभी व्हाट्सएप्प ,फेसबुक, मैसेंजर, टेलीग्राम पर वीडियो कॉल करके अरेस्ट नहीं करती है।
पुलिस जब भी किसी को फोन कॉल करती है तो मैन्युअल करती है।
अनजान नंबर से वीडियो कॉल रिसीव ना करें।
ऐसे पहचानें जालसाजों को –
यहां हमेशा वीडियो कॉल करते हैं।
इनके नंबर पाकिस्तान , अफ़गानिस्तान ,दुबई विदेशी नंबर जैसे होते हैं।
इसके अलावा इंटरनेट कॉलिंग के नंबर होते हैं।