रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
मुंबई में ईरानी कप 2024 ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। मुंबई वर्सेस रेस्ट ऑफ इंडिया मैच ड्रॉ पर छूटा। जानिए मैच ड्रॉ होने के बावजूद मुंबई क्यों चैंपियन बनी।
- मुंबई ने जीता ईरानी कप का खिताब
- 27 साल बाद पहली बार ट्रॉफी पर जमाया कब्जा
- मैच ड्रॉ होने के बाद की मुंबई को मिली सफलता
मुंबई में १५वी बार ईरानी कप जीत लिया है। लखनऊ के इकना क्रिकेट स्टेडियम में मुंबई और शेष भारत के बीच खेला गया। मुकाबला ड्रॉ रहा है। ऐसे में पहली पारी की बढ़त के आधार पर मुंबई चैंपियन बनने में कामयाब रही। मुंबई ने इससे पहले 1997 में ईरानी कप जीता था। यानी वह 27 साल के बाद लंबे इंतजार के बाद फिर यह खिताब जीतने में सफल रही। मुकाबले में रहाणे मुंबई की कप्तानी कर रहे थे। वहीं ऋतुराज गायकवाड़ के कंधों पर रेस्ट आफ इंडिया टीम की जिम्मेदारी थी।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित ईरानी कप में पहली पारी में 537 रन बनाए। जवाब में रेस्ट आफ इंडिया 416 रन पर ढेर हो गई। मुकाबले के पांचवें और अंतिम दिन मुंबई का स्कोर जब दूसरी पारी में 329/ 8 पर पहुंच तो ड्रॉ की घोषणा कर दी गई। मुंबई ने 27 साल बाद ईरानी कब ट्रॉफी का सूखा समाप्त किया। मुंबई ने इससे पहले 1997- 98 में खिताब जीता था । हालांकि …कई लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर मैच ड्रॉ होने के बावजूद मुंबई ही क्यों चैंपियन बनी ?
खेल के पांचवें दिन यानी ( 5 अक्टूबर ) मुंबई का स्कोर दूसरी पारी में आठ विकेट पर 329 रन था। जिसके बाद दोनों टीमों ने मैच को समाप्त करने का फैसला किया। मुंबई के लिए दूसरी पारी में तनुप कोर्टियन ने 150 गेंदों का सामना करते हुए। नॉटआउट 114 रन बनाए जिसमें 10 चौके के अलावा एक सिक्स शामिल था। पृथ्वी शॉ (76 रन ) और मोहित अवस्थी (51* रन ) ने भी अर्धशतकीय पारियां खेली हालांकि… पहली पारी में बड़ी बढ़त हासिल करने वाली मुंबई की टीम का स्कोर एक समय 171/8 रन था। ऐसे में तनुप कोर्टियन और मोहित अवस्थी ने नौवे विकेट के लिए नंबर 158 रन की साझेदारी करके मुंबई को सेफ जोन में पहुंचा दिया।