10 अक्टूबर को हर वर्ष “वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे” मनाया जाता है

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
भारत ने अपना राष्ट्रीय मानसिक स्वच्छता कार्यक्रम 1982 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करना था। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने वर्ष 2016 में अपनी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसके अनुसार से.. 20 में से एक व्यक्ति मानसिक बीमारी से पीड़ित है
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पिछले कुछ वर्षों में हमने कोविद-19 महामारी के चल रहे प्रभावों से निपटने से लेकर मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता से निपटने तक कई चुनौतियां सामना किया है। कोविद-19 महामारी के बाद के वर्षों में शोध से पता चलता है कि …90% लोगों का मानना है कि… वर्तमान में अमेरिका में मानसिक स्वास्थ्य संकट है। इसके अतिरिक्त कार्य का कार्यकाल में 77% वयस्कों ने पिछले महीने काम से संबंधित तनाव का अनुभव करने की सुचना दी।

10 अक्टूबर को हर वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1992 में वर्ल्ड फेडरेशन का मेंटल हेल्थ की पहल पर हुई थी। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसके समर्थन में प्रयास करना है। ऑस्ट्रेलिया और अन्य कई देशों में मानसिक स्वास्थ्य या बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह भी मनाया जाता है। ऐसे में इस खास दिन को मनाने के लिए पीछे का उद्देश्य विश्व में लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बनाना है। डॉक्टरों की माने तो आपकी डाइट में शामिल (फूड ) आपका (मूड) के साथ संबंध होता है। शायद तभी यह कहावत भी काफी फेमस है। जैसा …”खाओगे अन्न वैसा होगा मन” वर्तमान समय में सभी लोगों के लिए मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना बड़ी जरूरत बन गई है। भाग दौड़ भरी जिंदगी में युवाओं को इसका खास ख्याल रखना होता है। लोग स्ट्रास और डिप्रेशन के शिकार होते जा रहे हैं। लोगों में इन्हीं सब विषयों पर जागरूकता बढ़ाने और मेंटल हेल्थ की अहमियत को समझने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे बनाया जाता है।

अकेलापन या निराशा महसूस करना बातचीत में बार-बार निराशा व्यक्त करना। जीवित रहने के लिए कोई उम्मीद और उद्देश्य न होना , या व्यक्तिगत नुकसान के लिए विकल्प मन में आना या सोचना जैसे लक्षण मेंटल हेल्थ को हो रहे नुकसान की और इशारा करते हैं। इसके अलावा नींद न आना , कम भोजन खाना या भूख कम होना, अप्रत्याशित रूप से शरीर का वजन बढ़ाना या घटना ,नशीली दवाओं और शराब के प्रति रुचि दिखाना , दूसरों के साथ सामाजिक जैसे.. बातचीत या मिलना – जुलना काम करना बहुत भावुक हो जाना या भावनाओं के प्रति पूरी तरह से विक्रांत होना। बदला लेने के लिए क्रोध जैसे लक्षण बताते हैं कि विशेषज्ञ से सलाह लेने की जरूरत है।

ऐसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत –
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की शुरुआत वर्ष 1992 में हुई थी। इस दिन की पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ के उपमहासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर मनाया गया था। इस दिन को मनाए जाने की सलाह वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजिंग बॉडी ने दी थी। और इसे मनाए जाने के लिए एक थीम भी निर्धारित की गई थी। तब से हर वर्ष यह दिन एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को मनाए जाने का महत्व –
मानसिक तनाव चिंता और डिप्रेशन की वजह से दुनिया में बहुत सारे लोग सोशल स्टिग्मा , डिमेंशिया ,हिस्ट्रिया , ऐंग्जाइटी , आत्महीनता ,जैसी कई तरह की दिक्कत और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। इन दिक्कतों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से “वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे” मनाया जाता है। जिससे लोग मानसिक दिक्कतों और बीमारियों के प्रति जागरूक हो और समय रहते अपना इलाज करवा सके।