प्रयागराज में 20,000 छात्रों के प्रदर्शन पर सियासत… डिप्टी सीएम समर्थन में उतरे

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपीपीएससी की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ / एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन करने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है ….

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सैकड़ो छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं बड़ी संख्या में अभ्यर्थी यूपी लोक सेवा आयोग का घेराव कर रहे हैं इसके अलावा राजधानी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में भी प्रदर्शन जारी है अभ्यर्थियों ने आयोग के सामने एक दिन एक शिफ्ट नॉर्मलाइजेशन नहीं की मांग रखी ऐसे में ही जानते हैं कि एक परीक्षा को लेकर मुद्दा इतना गर्म हुआ क्यों है और छात्र आयोग के फैसले के खिलाफ क्यों हैं।

इस विवाद की कहानी शुरू होती हैं …. 1 जनवरी 2024 से दरअसल, बीते 1 जनवरी 2024 को यूपीपीएससी ने अपर सबऑर्डिनेट सर्विस पीसीएस प्रीलिम्स एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके अनुसार 17 मार्च 2024 को परीक्षा होनी थी लेकिन यहां परीक्षा स्थगित हो गई। फिर 3 जून को इसी परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी करते हुए घोषणा की गई। कि 27 अक्टूबर को परीक्षा होनी है एक बार फिर डेट बदली और बीती 5 नवंबर को यूपीपीएससी ने एक बार फिर नोटिफिकेशन जारी कर दिया।

बेमियादी धरने पर बैठे छात्रों का नारा है ‘ना बटेंगे ना हटेंगे’ इस नारे वाले हजारों पर छात्रों के बीच विपरीत किए गए छात्रों ने इस नारे के जरिए आयोग को संदेश भेजा है। कि जब दो दिन परीक्षा कराने और नॉर्मलाइजेशन निरस्त करने का नोटिस जारी नहीं किया जाएगा तब तक छात्र धरना स्थल से हटेंगे नहीं। धरना स्तर पर छात्रों ने हाथों में कई तख्तियां भी लिख रखी हैं जिन पर नारे लिखे थे। छात्र इन नारों के जरिए आयोग के निर्णय के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते रहते थे। धरना स्थल पर ना तो किसी छात्र संगठन और ना ही किसी राजनीतिक दल का झंडा दिखा छात्रों ने केवल तिरंगा लहराते दिखे चंद्रशेखर आजाद पार्क से महेश 200 किमी दूसरे इस आंदोलन के दौरान छात्रों के हाथों में शहीद चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह और महात्मा गांधी की तस्वीर लहराती नजर आई। छात्रा बार-बार कहते रहे कि शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं और मांगे पूरी होने तक वहीं डटे रहेंगे।

छात्रों का कहना है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज ,इंजीनियरिंग कॉलेज ,विश्वविद्यालय ,पॉलिटेक्निक को भी परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है। वैसे भी प्रश्न पत्रों की सुरक्षा और परीक्षा कराने की जिम्मेदारी शासन की है। तो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है। इसकी क्या गारंटी है कि दो दिन परीक्षा कराने में पेपर लीक नहीं होगा।

लाउडस्पीकर ही बना रहा वार्ता का जरिया –
छात्रों और आयोग के प्रतिनिधियों के बीच दिन भर लाउडस्पीकर के जरिए वार्ता होती रही आयोग के प्रतिनिधि बार-बार धरना समाप्त करने की अपील करते उठाएंगे शाम को विद्यार्थियों के सामने यह प्रस्ताव भी रखा गया कि उनकी मांगों पर विचार करने के लिए आयोग कमेटी गठित करेगी लेकिन अभ्यर्थी नहीं माने और कहा कि जब नॉर्मलाइजेशन निरस्त किए जाने का नोटिस जारी नहीं जारी होने के बाद ही धरने से उठाएंगे।

आयोग ने कहा नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से होगी परीक्षा –
किसी दिन आयोग ने दो शिफ्ट परीक्षा कराने के साथ नॉर्मलाइजेशन को लेकर भी एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें बताया गया कि दो या अधिक दिनों में होने वाली परीक्षाओं के मूल्यांकन के लिए पर केंद्रीय लाइट विधि का उपयोग किया जाएगा। आयोग ने स्पष्ट किया कि पीसीएस प्राथमिक परीक्षा 2024 और आरओ /एआरओ 2023 भर्ती परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। साथ ही लोक सेवा आयोग ने यह भी बताया कि उम्मीदवारों का प्रतिशत स्कोर निकालने के लिए जो फार्मूला इस्तेमाल होगा। उसे भी सार्वजनिक कर दिया जाएगा। आयोग के परीक्षा कराने के इस तरीके को लेकर अभ्यर्थियों के बीच नाराजगी है। ऐसे में लिए जाते हैं कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया होती है क्या और इससे अभ्यर्थियों को क्या नुकसान हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से क्यों मर्डर आ रहा आयोग पर खतरा –
भर्ती परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला दिया है कि चयन और भर्ती प्रक्रिया के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते लेकिन आरओ / एआरओ और सब ऑर्डिनेट परीक्षा को लेकर आयोग ने बीच में ही परीक्षा कराने की प्रक्रिया को बदला अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर आयोग दो दिवसीय परीक्षा पर काम कायम रहता है। तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा यदि निर्णय का पालन करता है तो उसे एक दिनी परीक्षा के लिए नए सिरे से व्यवस्था बनानी होगी। दोनों ही परिस्थितियों में दिसंबर में प्रस्तावित दोनों परीक्षाओं पर संकट है।