दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारा को लेकर कई मान्यताएं…. आप भी फैमिली के साथ जाकर देखिए यहां

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
दिल्ली के फेमस गुरुद्वारों के दर्शन करना चाहते हैं तो इन जगहों पर जाना ना भूले इन गुरुद्वारों की शांति और खूबसूरती यहां आने वाले लोगों को अपनी तरफ हमेशा आकर्षित करते रहती है….

दिल्ली गुरुद्वारा राजधानी का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है इसका निर्माण 1783 में स्थित जनरल सरदार भगत सिंह ने किया। यहां गुरुद्वारा सिखों के बड़े दिलवाले स्वभाव का एक उदाहरण यहां रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसके परिचय में प्रार्थना कक्ष अस्पताल स्कूल संग्रहालय भी है। यह आने वाले लोग को प्रसाद मिलता है और समय-समय पर लंगर भी पहुंच जाता है। यहां लगभग 24 घंटे तक चलने वाले पाठ और शब्द आपको सीधे दिव्य शक्ति से जोड़ते हैं इन सबके अलावा हमारे पास मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जिनके बारे में आप यकीन नहीं जानते होंगे आईए जानते हैं कि गुरु बंगला साहिब से जुड़े कुछ ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में।

गुरुद्वारा बंगला साहिब –
दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारा को लेकर कई मानता है ऐसा कहा जाता है कि यह गुरुद्वारा पहले जयपुर के महाराज जय सिंह का बंगला था। साथ ही यहां पर सिखों के आठवीं गुरु का किशन सिंह रहा करते थे। गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली के सबसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है।

गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब –
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब संसद भवन और राष्ट्रपति भवन के पास स्थित है। गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित है। यहीं पर नोबेल सिख गुरु , गुरु तेग बहादुर का 1675 में मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा फांसी दिए जाने के बाद अंतिम संस्कार किया गया था।

शीशगंज साहिब गुरुद्वारा –
गुरुद्वारा शीशगंज साहिब चांदनी चौक में स्थिति यह गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर के बलिदान को समर्पित शीशगंज गंज साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के सबसे पुरानी गुरुद्वारा में से एक है या संगत में हिस्सा लेने और कीर्तन सुनने के लिए देशभक्ति श्रद्धालु आते हैं।

गुरुद्वारा बाबा बंदा सिंह बहादुर –
गुरुद्वारा बाबा बंदा सिंह बहादुर दिल्ली के फेमस गुरुद्वारा में से एक यह गुरुद्वारा दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में कुतुब मीनार के पास स्थित है। गुरुद्वारा बाबा बंदा सिंह बहादुर को समर्पित है जो एक सिक्क और सैनिक कमांडर और 10 में सिख गुरु गुरु गोविंद सिंह के शिष्य थे माना जाता है कि जहां बाबा बंदा सिंह बहादुर ने 1710 में मुगलों के खिलाफ यहां अपनी आखिरी लड़ाई लड़ी थी।

गुरुद्वारा मोती बाग साहिब –
गुरुद्वारा मोती बाग साहिब दिल्ली के धौला कुआं के पास स्थित है गुरुद्वारा मोती बाग साहिब प्राचीन सफेद संगम रमन से बना हुआ ऐसा माना जाता है कि श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने अपनी सेवा के साथ इसी स्थान पर डेरा डाला था।