भगवान के नाम पर पैसे मांगते हैं , न देने पर बद्दुआ… प्रेमानंद महाराज जी का जवाब

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि कई बार ग्रस्त व्यक्ति श्राप और बद्दुआ के दर से घर आए बाबाओ को पैसे दे देता है ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी ना भोगनी पड़ , परंतु ऐसे बाबाओ से डरना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों का श्राप इनको ही खुद लग जाता है इन लोगों में इतना सामर्थ ही नहीं कि इनका श्राप किसी को लगे

आगे प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि , लेकिन ग्रस्त लोगों को अपने घर के दरवाजे पर ही किसी का स्वागत राधे-राधे श्याम बोलकर करना चाहिए। और अगर वह पैसे मांगे तो उन्हें मना कर दे और दरवाजा बंद कर दे। इससे कुछ अमंगल नहीं होगा। चाहे कितना भी बड़ा सिद्ध क्यों ना हो। फिर प्रेमानंद महाराज जी बताते हैं कि , ग्रस्त व्यक्ति को तीन आदर करने चाहिए

पहला – परिणाम या नमस्कार ,दूसरा – जल और तीसरा भोजन लेकिन इसके बाद अपनी श्रद्धा से आप पैसे दीजिए आपको अपराध नहीं माना जाएगा।

फिर अतिथि का आदर करना चाहिए चाहे पापी से पापी पुरुषों हो एक बार राधे राधे बोलकर प्रणाम जरूर करें। लेकिन पैसे मांगे तो मना कर दे। कि मेरी श्रद्धा नहीं है किसी को जरूरत है तो उसे पानी ,भोजन और वस्त्र दे दे लेकिन पैसे बिल्कुल ना दे क्योंकि पैसा मेहनत से कमाया जाता ह। भगवान के नाम पर अपनी श्रद्धा अनुसार भोजन , पानी और वस्त्र से लोगों का सहयोग करें या गौ सेवा करें परंतु किसी को पैसे ना दे।