रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
अतुल सुभाष ने अपने 24 पेज के सुसाइड नोट में पत्नी निकिता सिंघानिया की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर के एक-एक आरोप पर माय सुबूत की सफाई दी अपने सुसाइड नोट में अतुल सुभाष ने लिखा निकिता से उनकी मुलाकात shaadi.com के जरिए हुई थी ….
- अतुल सुभाष अपने घर पर पाए गए मृत
- अतुल सुभाष ने लगाई अपनी पत्नी और जज पर गंभीर रूप
- अतुल ने लगाए उत्पीड़न के आरोप
बेंगलुरु की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी ने हर किसी को चौंका दिया है 24 पन्नों का लेटर और एक वीडियो बनाकर जान देने वाले अतुल सुभाष की मौत के बाद दहेज उत्पीड़न घरेलू हिंसा को लेकर कानून पर चर्चा छिड़ गई है। खासतौर पर अतुल सुभाष की मनोदशा की बात की जा रही है कि आखिर कैसे उन्होंने इतना अतिवादी कदम उठा लिया।
अतुल सुभाष और उसके परिवार पर उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली पत्नी निकिता सिंघानिया ने कुल 9 केस दर्ज करवाए थे। हालांकि, इनमें से कई केस पत्नी ने यह कहकर वापस ले लिए कि उसे जानकारी नहीं है या वकील ने उसकी मर्जी के बिना केस फाइल किए थे लेकिन जिस केस की प्रक्रिया आज भी लंबित है। वह क्या था और अतुल सुभाष पर क्या आरोप लगाए करने से पहले अतुल सुभाष ने इन सारे आरोपों की क्या दलील लिखी है।
सुभाष ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ 9 मामले दर्ज कराया है जिनमें घरेलू हिंसा दहेज उत्पीड़न और आप्राकृतिक अपराध के आरोप शामिल है उन्होंने दावा किया कि यह मामले निराधार है उन्होंने एक उदाहरण का हवाला दिया जिसमें उनकी पत्नी ने एक मामला वापस लिया और बाद में एक नया मामला दर्ज कराया। जिसमें 6 मामले निचली अदालत में और तीन उच्च न्यायालय में उन्होंने बताया कि कानूनी कार्रवाई और अदालत द्वारा आदेशित भुगतान की वित्तीय भोज ने उन्हें परेशान कर दिया है। और मेरे लिए अपनी जिंदगी खत्म कर लेना ही बेहतर है क्योंकि मैं जो पैसे कमा रहा हूं उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं क्योंकि मुझे उन्हें पैसे देने होंगे और इस पैसे का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जाएगा और यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा।
न्यायिक पक्षपात के आरोप –
सुभाष ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर में एक पारिवारिक न्यायालय की न्यायाधीश रीता कौशिक पर रिश्वत लेने और अपनी पत्नी के प्रति पक्षपात करने का भी आरोप लगाया सुभाष के अनुसार एक अदालती सुनवाई के दौरान उनकी पत्नी ने तीन करोड़ की समझौता राशि की मांग की जो शुरू में एक करोड़ थी। जब उन्होंने तर्क दिया की मांग में झूठे थे तो न्यायाधीश ने कभी तौर पर कहा तो क्या हुआ वह आपकी पत्नी है।
सुभाष के अनुसार एक अदालती सुनवाई के दौरान उनकी पत्नी ने तीन करोड़ की समझौता राशि की मांग की जो शुरू में एक करोड़ थी जब उन्होंने तर्क दिया की मांग में झूठे थे तो न्यायाधीश ने कभी तौर पर कहा तो क्या हुआ वह आपकी पत्नी है और यह आम बात सुभाष ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने उन्हें आत्महत्या करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा आप भी ऐसा क्यों नहीं करते उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश इस टिप्पणी पर हंस रही थी उन्होंने न्यायाधीश पर मामले को निपटने के लिए 5 लाख के रिश्वत मांगने का आरोप लगाया।
फिर निकिता ने आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने 10 लाख रुपए मांगे जिसके घात से उसके पिता की मौत हो गई जबकि कोर्ट में दिए बयान में निकिता ने साफ कहा कि उसके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह हार्ट के मरीज थे दिल्ली के एम्स से इलाज हो रहा था उनकी अचानक तबियत बिगड़ी तो वाराणसी उत्तर प्रदेश के अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। निकिता ने अपने पिता की मौत के बाद पति और ससुराल वालों का हत्या का एक और केस कोर्ट के आदेश पर दर्ज करवाया था। हालांकि बाद में निकिता ने कहा कि उसे कोर्ट के द्वारा दर्ज केस की जानकारी नहीं है।
40 लाख रुपए की नौकरी वाला दहेज में 10 लाख क्यों मांगेगा –
10 लाख रुपए दहेज मांगी जाने पर अतुल सुभाष ने लिखा उसने खुद ही बिजनेस में जरुरत पर ससुराल वालों को 15 लाख रुपए दिए थे लेकिन ससुराल वालों ने बिजनेस में पैसा लगाने के बजाए एक करोड़ का घर खरीद लिया जब अतुल ने पैसे वापस मांगना शुरू किया तो अप्रैल 2021 में उसे सिर्फ डेढ़ लाख रुपए वापस किए गए जो व्यक्ति कुछ 40 लख रुपए की नौकरी कर रहा हो वह १० लाख रुपए के दहेज क्यों मांगेगा।
120 बार जौनपुर कोर्ट ने पेशी –
अतुल सुभाष ने अपनी 24 पेज के सुसाइड नोट में अतुल सुभाष ने प्रताड़ना का जिक्र करते हुए कहा कि दहेज प्रथा में एफआईआर दर्ज होने के बाद वहां बेंगलुरु से उसका छोटा भाई दिल्ली से और बूढ़े मां-बाप बिहार से लगभग 120 बार जौनपुर कोर्ट में पेशी पर गए हैं। जिस व्यक्ति को साल भर में सिर्फ 23 छुट्टियां मिलती हूं वहां निजी तौर पर 40 बार कोर्ट की पेशी पर पहुंच सुसाइड नोट के जरिए अतुल सुभाष ने न सिर्फ अपने और परिवार के ऊपर दर्ज केस को लेकर सबूत के साथ दलील दी। बल्कि अदालत प्रक्रिया में कैसे प्रताड़ना होती इसका भी जिक्र किया।
कुछ भी बोलने को तैयार नहीं निकिता की मां –
फिलहाल अतुल सुभाष के सुसाइड नोट के जरिए लगाए गए आरोपी पर निकिता सिंघानिया की मां से उनका पक्षपात जाने की कोशिश की लेकिन वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुई।
अंतिम इच्छा : शव के पास भी ना आए पत्नी –
अतुल सुसाइड नोट में कुछ अंतिम इच्छाएं लिखी – उन्होंने साफ किया कि मरने के बाद पत्नी और उसके परिवार वालों को शव के पास भी नहीं आने दिया जाए बेटे की कस्टडी उनके माता-पिता को दी जाए क्योंकि पत्नी उसे अच्छे संस्कार देकर नहीं पाल सकती अतुल ने लिखा कि उनकी अस्थियो का विसर्जन तब तक ना किया जाए जब तक पत्नी और उसके परिजनों को सजा नहीं हो जाती अगर उन्हें सजा ना हो तो उनकी अस्थियो को अदालत के बाहर गठन में ही बहा दिया जाए अतुल ने यूपी के मुकाबले कर्नाटक की अदालत पर अधिक भरोसा जताया और आगे पत्नी के खिलाफ बेंगलुरु की अदालत में मुकदमा चलाने की मांग की है।