रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
राजस्थान के दौसा जिले में 3 दिन से बोरवेल में फंसे 5 साल के मासूम आर्यन की मौत हो गई। आर्यन को करीब 57 घंटे के बाद बुधवार रात 11:45 बजे बोरवेल से बाहर निकल गया था ….
9 दिसंबर को बोरवेल में गिरा 5 साल का मासूम आर्यन जिंदा वापस नहीं आ सका। तीन दिन के लंबे बचाव अभियान के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। 5 साल के आर्यन को बोरवेल से बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में 9 दिसंबर की दोपहर से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। उसी दिन दोपहर करीब 3:00 बजे आर्यन अपनी मां के सामने खुले बोरवेल में गिर गया था। हादसा घर से करीब 100 फीट की दूरी पर हुआ था। 9 दिसंबर की रात 2:00 बजे के बाद से बोरवेल के अंदर बच्चे का कोई मूवमेंट नहीं दिखा। मेडिकल टीम लगातार बोरवेल में ऑक्सीजन सप्लाई कर रही थी।
बेटे के शोक में माता-पिता की तबीयत बिगड़ गई –
बोरवेल के अंदर मिट्टी दस कर बच्चों के ऊपर गिर गई थी आखिरकार दौसा कलेक्टर देवेंद्र कुमार की मौजूदगी में रेस्क्यू की टीम को आर्यन को हुक के सहारे बोरवेल से बाहर खींचने की अनुमति दी गई। मौके पर एंबुलेंस और मेडिकल टीम तैनाती जैसे ही बच्चा बोरवेल से बाहर निकाला उसे एंबुलेंस अस्पताल ले जाया गया वहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बोरवेल के अंदर उसकी मौत हो चुकी थी। बेटे की शोक में मां की तबीयत बिगड़ गई डॉक्टरों ने बताया कि उनका बीपी काफी बढ़ गया था।
बोरवेल इस्तेमाल में नहीं था – लेकिन फिर भी खुल ही छोड़ दिया गया
आर्यन के माता-पिता दोनों ने दो दिनों से कुछ भी खाया पिया नहीं था। इस कारण उनकी तबीयत बिगड़ी आर्यन के पिता जगदीश मीणा के मुताबिक उनका बेटा घर से कुछ मीटर दूर खेत में अपनी मां के साथ खेल रहा था। मैं किसी काम से बाजार गया था। इसी दौरान खुले बोरवेल में गिर गया बोरवेल करीब 160 फीट गहरा हैं जिसे 3 साल पहले खोदा गया था हालांकि इस बोरवेल का इस्तेमाल नहीं हो रहा था। क्योंकि शुरुआत में ही इसमें मोटर फस गई थी तब से यहां खुला पड़ा था।