रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
संभल हिंसा को लेकर विधानसभा में सीएम योगी ने गरजते हुए कहा कि , इसमें शामिल एक भी दोषी बचेगा नहीं इस दौरान सीएम ने संभल में 1947 से लेकर अब तक दंगों का पूरा इतिहास याद दिलाया …
- विधानसभा में इन मुद्दों पर योगी सीएम –
- संभल हिंसा,
- संभल में मिली मूर्तियां
- बाबरनामा
- सांप्रदायिक दंगे
- जय श्री राम के नारे
- जस्टिस एसके यादव
- विधानसभा उपचुनाव
उत्तर प्रदेश विधानसभा में संभल हिंसा पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप लोग सच में पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं सत्य सूर्य प्रकाश पर पर्दा नहीं डाला जा सकता हम तो भारत के पुरान पर विश्वास करते हैं यह तो केवल सर्वे की बात थी संभल में विष्णु का दसवां अवतार होना है सर्वे तो न्यायालय क्या देश के बाद हुआ सर्वे तो पहले भी हुआ जुम्मे की नमाज के बाद जो तकरीर दी गई। वह सबके सामने है सदन में रिपोर्ट आई है दूध का दूध पानी का पानी सबके सामने आएगा।
सीएम योगी ने कहा कि संभल में दंगों का इतिहास 1947 से शुरू होता है। 1947 में एक मौत 1948 में 6 लोग मारे जाते हैं। 1958 और 1962 में दंगा होता है। 1976 में पांच लोगों की मौत हुई 1978 में 1984 हिंदुओं को जिंदा जलाया गया था। 1980 में फिर दंगा हुआ एक मौत हुई। 1982 में फिर दंगा हुआ फिर एक मौत 1986 में चार लोग मारे गए थे। 1990 और 1992 में पांच मौत हुई 1996 में दो मोटे हैं। और यह सिलसिला लगातार चलता रहा।
सीएम योगी ने बहराइच में हुए दंगे की चर्चा करते हुए कहा कि मोहर्रम हो या मुस्लिम समाज का कोई जुलूस हिंदू मोहल्ले से निकल जाता है। जब हिंदू समाज का जुलूस निकलता है तो क्यों समस्या आती है। सवाल उठाया की झंडा क्यों नहीं लग सकता रास्ते में झंडा लगाने में क्या दिक्कत है। बहराइच में रामगोपाल मिश्रा के घर के अंदर से गोली चलाकर हत्या कर दी गई। कट्टे लहराते वीडियो वायरल हुए यह दंगा सड़क पर नहीं हुआ घर के अंदर की खींचकर हत्या की गई पुलिस घर के अंदर घुसती तो कई आरोप लगाते।
संभल हिंसा में शामिल एक भी नहीं बचेगा सीएम योगी –
सीएम ने संभल में 48 साल बाद खोद कर निकले गए मंदिर को लेकर कहा कि इन लोगों ने वहां मंदिर को खोलना तक नहीं दिया गया था। 22 कुंओं को बंद किया गया था। वहां का माहौल इतना महत्वपूर्ण किसने बनाया गया था उन्होंने कहा कि संभल में जिसने पत्थर बाजी की होगी जो भी इसमें शामिल होगा उसमें एक भी बचाने वाला नहीं है हम हाई कोर्ट के निर्देश का पालन करते हैं।