लखनऊ नगर निगम का सर्वे … 110 वार्ड में अवैध झुग्गियां हटाई जाएगी

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने जोन सात में अवैध सफाई कर्मचारियों की बस्तियों की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन किया कमेटी को 48 घंटे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए ….

  • मूल प्रमाण पत्र सत्यापित किए बिना नहीं हो पाएगी पहचान।
  • नगर में सफाई कार्य से जुड़े 8000 से अधिक कथित बांग्लादेशी।
  • कार्यदायी संस्था के साथ ही नगर निगम से भी जुड़े हैं।

लखनऊ जोन सात में भारी क्षेत्र में खाली पड़े प्लाटों पर झुग्गियों की बस्ती बनाकर वहां बसे एक कथित बांग्लादेशियों की जांच के लिए मेयर के निर्देश पर तीन सदस्य कमेटी का गठन कर दिया गया है मेयर ने इस कमेटी को 48 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिया है।

मेयर सुषमा खर्कवाल के निर्देश पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने जोन सात में जहां-जहां अवैध सफाई कर्मचारियों की बस्ती बसी है। वहां जाकर पड़ताल करें कि वहां उन्हें किसने बसाया जिस जमीन पर बसे है ,वह किसकी है ,कब से यहां रह रहे हैं साथ ही में इंदिरा नगर थाना प्रभारी को नगर निगम की ओर से पूर्व में सर्वे के किए गए उन स्थानों की सूची दिए जहां पर कथित बांग्लादेशियों को बसाया गया है। साथ ही पुलिस से पूछा है कि अवैध रूप से बसे इन लोगों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

इस संबंध में मेयर ने बताया कि कमेटी की जांच रिपोर्ट 48 घंटे में देने को कहा है उसके बाद पुलिस और नगर निगम के संयुक्त टीम अवैध सफाई कर्मचारियों को हटाने का काम करेगी।

वही लखनऊ में कूड़े की काले कारोबार से जुड़े अवैध सफाई कर्मचारियों ने अपनी पहचान पुख्ता करने के लिए पहचान संबंधी सभी कागजात बनवा रखें ऐसे में यदि उन्हें शहर से बाहर करना हो तो उन्हें मूल निवास प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन ही करना होगा। बिना इसके वास्तविक पहचान कर पाना मुश्किल होगा। खास बात यह है कि अवैध सफाई कर्मचारियों में से 8000 से अधिक नगर की सफाई कार्य से जुड़े हैं।

लखनऊ में कूड़े का काला कारोबार 5 करोड रुपए महीना इस कारोबार से जुड़े गिरोह की विभिन्न महत्वपूर्ण में घुसपैठ होने के कारण ही कथित बांग्लादेशियों के पास आज ईद के तौर पर आधार ,वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस , राशन कार्ड ,स्वास्थ्य कार्ड आदि है।
दरअसल , आज से 15 – 20 साल पहले जब कथित बांग्लादेशी लखनऊ शहर में दाखिल में तब इन लोगों ने छोटे-छोटे काम के साथ नगर की बाहरी कॉलोनी में सफाई के काम करने करने लगे। नगर निगम कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करना शुरू किया जैसे कूड़ा उठाने वाली हथ ठेलिया चलाना , घरों से कूड़ा बाहर निकालकर वाहनों में डालना , नालियों और घरों में शौचालय साफ करना यह सारा काम कभी बांग्लादेशी बेहिचक करते थे । फिर धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ने लगी और निकाय चुनाव में यह वोटर बनने लगे।

नतीजा आज लखनऊ शहर के चारों और बाहरी इलाकों में इनकी बस्तियां आबाद होने लगी। पुख्ता आईडी के साथ बसे इन लोगों को यदि बाहर निकाल करना हो तो उनके प्रमाण पत्र को उनके मूल निवास स्थान से क्रॉस चेक करना ही होगा। नगर आयुक्त इंद्रजीत का कहना है कि जोन सात में अवैध सफाई कर्मचारियों की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर उनके मूल निवास स्थान से आईडी को क्रॉस चेक कराया जाएगा।