असम खदान हादसा , 48 घंटे बाद नेवी ने एक शव निकला

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
इंडियन नेवी और एनडीआरएफ सहित कई एजेंसियां पानी से लबालब भरी कोयल की खदान में फंसे हुए 8 मजदूरों को बचाने के लिए कैंपेन चला रही है बचाव कर्मियों को तंग खाइयो तेज पानियों धारों पर धाराओं कम दर्शाता और मलबे से गुजरना पड़ा …

असम के पास दिमा हसाओ जिले में सोमवार को कोयला खदान में पानी भरने के बाद नौ श्रमिक फस गए थे। बुधवार सुबह सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने बचाव अभियान के दौरान खदान से एक शव बरामद किया। खदान में अभी भी 8 श्रमिक फंसे हुए इसके बाद सेना असम राइफल्स एनडीआरएफ ,एसडीआरएफ की टीमों ने बचाव अभियान तेज कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक खदान में करीब 100 फीट तक पानी भर गया

पानी के अंदर कमरे –
नौसेना ने सर्च ऑपरेशन में मदद के लिए स्पेशलाइज्ड डाइविंग इक्विपमेंट पानी के अंदर कैमरा तैनात किया। स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने वाली एनडीआरएफ टीम ने बचाव कर्मियों की सुरक्षा के लिए खदान से पानी निकालना और स्ट्रक्चर को मजबूत करने सहित सही कार्यों में अहम भूमिका निभाई है।

असम सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा सपोर्ट देने का वादा किया मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा हम फंसे हुए लोगों को बचाने और इस मुश्किल वक्त में उनके परिवार की सहायता करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 21 पैरा गोताखोरों ने खदान से शव बरामद किया। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोकाकुल परिवार के साथ है वही एनडीआरएफ के कमांडेंट एन तिवारी ने बताया कि श्रमिकों को निकालने के लिए 24 घंटे काम चल रहा है। जल्दी यह हम श्रमिकों तक पहुंच जाएंगे अभी सेना की टीम यहां काम कर रही है जल्द ही नौसैनिक भी पहुंच जाएंगे। वहीं खदान में काम करने वाले एक श्रमिक ने बताया मेरा भाई खदान में फंसा है। खदान में अचानक लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। कि पानी भरा है ३०- 35 लोग बाहर आ गए और 15 -16 लोग फंसे फंस गए हैं।

2018 और 2021 में हो चुकी है घटनाएं –
दिसंबर 2018 में इसी तरह की एक घटना मेघालय की पूर्वी जयंतियां हिल्स में हुई थी। तब एक अवैध कोयला खदान में पास की नदी का पानी घुसने के बाद वहां 15 मजदूर फंस गए थे। वहीं 2021 में इसी तरह की एक घटना हुई थी। जिसमें मेघालय के पूर्वी जयंतियां हिल्स जिले डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी से भरी एक अवैध कोयला खदान में पांच मजदूर फंस गए थे।