विदेश में नौकरी के नाम पर फंसा युवक… कहां नमक रोटी खाना , लेकिन एजेंसी के चक्कर में मत पड़ना

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
टूरिस्ट वीजा पर भेज कर वहां साइबर ठगी के गोरखधंधे का मामला तब सामने आया जब युवक ने वीडियो बनाकर सरकार से मदद की गुहार लगाई। परिजन अपने बच्चों की वतन वापसी के लिए रो रो कर बेहाल है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जैसे – तैसे विदेश से लौटे शुभम नाम के युवक ने एफआईआर दर्ज कराई। आर्थिक अपराध इकाई ने मामले की जांच शुरू की है …

आरोप है कि इन युवकों को विदेश में रोजगार दिलाने के नाम पर एजेंट ने भेजा था। जब विरोध करते हैं तो उन्हें यातनाए दी जा रही है। इस पूरे खेल में पाकिस्तान और चीन ने साइबर अपराधियों का हाथ होने की बात सामने आई है। जिसकी जांच एनआई और ईओयू की टीम कर रही है।

मीरगंज थाना इलाके के फतेहपुर गांव के रहने वाले रौशन अली का बेटा वाहिद रौशन और भतीजा मोहम्मद सऊद अली को यूपी के प्रयागराज के एजेंट सुंदरजीत यादव ने दिल्ली से थाईलैंड भेजा था। दोनों युवकों को मॉल में काम दिलाने के नाम पर 26 अक्टूबर को 2024 को भेजा था। इसके बाद थाईलैंड में एयरपोर्ट पर उतरते ही दोनों को एक एजेंट रिसीव किया। नदी के रास्ते मोटरबोट से म्यांमार पहुंचा दिया। जहां पहले से पाकिस्तान , चीन ,नेपाल और दूसरे देश के युवक साइबर फ्रॉड में लगे हुए थे आरोप है कि एजेंट ने 7000 यूएस डॉलर 6 लाख से ज्यादा भारतीय रुपए में इन युवाओं को चीन और पाकिस्तान के साइबर अपराधियों को बेच दिया है।

युवकों ने वीडियो में लोकेशन दिखाकर और कहां की कंप्यूटर के काम को लेकर यूपी के एजेंट ने भेजा था लेकिन यहां साइबर फ्रॉड में लगा दिया गया। वीडियो में यह कहते हैं कि विरोध करने पर यातना दी जा रही है प्लीज मुझे यहां से भारत वापस बुला लीजिए।

शुभम कुमार ने इस मामले में साइबर थाने में पांच लोगो पर केस दर्ज कराया हैं। जिसमे पुलिस को बताया कि उसे एजेंट ने 70 हजार रूपये प्रतिमाह कि सेरली पर मॉल में काम करने के लिए भेजा था। लेकिन थाईलैंड जाने के बाद वंहा से कबोडिया ले जाया गया। जंहा साइबर फ्राड के काम में लगा दिया गया। विरोध करने पर बिजली करंट के झटके दिए जा रहे थे। किसी तरह से भागकर दूतावास पंहुचा। शुभम ने शिकायत में कहा हैं कि उसकी तरह बिहार के कई युवा साइबर ठगो के जाल में फंसे थे। आर्थिक स्थिति खराब होने कि वजह से नौकरी के लिए दूसरे देश में जाना पड़ा सरकार से गुजारिश हैं कि मदद करे। महमूदा खातून ने कहा कि हमको अपने बच्चे कि चिंता हैं। थाईलैंड में फंसा हैं जल्दी घर वापस लौट आए। यही मेरी सरकार से मांग हैं।