रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
दो पहिया वाहन दुर्घटना के शिकार बड़ी संख्या में लोग हेलमेट नहीं पहनते हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में हर साल सड़क दुर्घटनाओं के कारण 25 ,000 -26000 लोगों की जान जाती है ….
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने दो पहिया वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने के लिए राज्य के सभी शहरों में “हेलमेट नहीं तो फ्लू नहीं नीति” का प्रस्ताव पेश किया। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने 8 जनवरी को एक आधिकारिक पत्र जारी कर फ्यूल स्टेशन संचालकों को निर्देश दिया कि वह ऐसे दो पहिया वाहन सवारों को फ्लो ना बेचे जिसमे आगे और पीछे बैठे व्यक्ति ने हेलमेट नहीं पहना हो।
पत्र में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं में दो पहिया वाहन सवारों को अधिकांश मौते हेलमेट न पहनने के कारण होती है। इस नीति का उद्देश्य लोगों की जान बचाना और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सिंह ने कहा कि यह पहला 2019 में गौतम बुद्ध नगर जिले में पहले भी शुरू की गई थी लेकिन इसे छुटपुट रूप से ही लागू किया गया था। नए निर्देश का उद्देश्य सभी राज्यों के सभी जिलों के नियम को शक्ति से लागू करना है।
इस नीति की सफलता के लिए पुलिस और आरटीओ के साथ नियमित तालमेल ज़रूरी है पेट्रोल स्टेशनों पर सुरक्षा संकेत लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया। जहां सवारी के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए हेलमेट नहीं ईंधन नहीं दिखने वाले बोर्ड लगाए जाने चाहिए। नीति ने अपने मैसेज को बढ़ाने जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मीडिया प्लेटफॉर्म और सार्वजनिक नोटिस को शामिल करने का प्रयास किया गया है।