रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
टूर्नामेंट में खेले गए हर मैच को जीतने की चाहत रखने वाले दो युवा खिलाड़ियों के बीच टाइप ब्रेक में जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला …
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आर प्रज्ञानंद ने दी गुकेश को हराकर टाटा स्टील मास्टर जीता।
पहली बार किसी भारतीय ने टाटा स्टील मास्टर्स खिताब जीता।
प्रज्ञानंद ने सदन डेथ मुकाबले में दी गुकेश को हराया।
ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया उन्होंने टाईब्रेकर में विश्व चैंपियन डी गुकेश को दो एक से हराया इससे पहले दोनों भारतीय खिलाड़ी अंतिम दिन अपनी बाजियां हार गए थे लेकिन समान 8.5 अंकों के साथ शीघ्र पर रहने के कारण किताबी मुकाबला टाईब्रेकर में पहुंचा।
प्रज्ञानंद ने अपनी जीत के बाद टूर्नामेंट की आधिकारिक वेबसाइट से कहा मेरे हाथ अभी कांप रहे हैं यह कितना रोमांच से भरा दिन था। मेरे पास इसको व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है मुझे वास्तव में जीत की उम्मीद नहीं थी लेकिन चीज मेरे अनुकूल होती रही केवल 2 साल की उम्र में शतरंज खेल रहे प्रज्ञानंद ने कहा मेरे लिए यह दिन खास है क्योंकि मैं टूर्नामेंट जीता है लेकिन निश्चित तौर पर यह तनाव से भरा दिन था।
संयम और रणनीति से मिली जीत –
टाईब्रेकर के बाद मुकाबला सडन डेथ तक पहुंच गया जहां संघर्ष के दौरान गुकेश लय खो बैठे और अपना घोड़ा गवा बैठे इसके बाद प्रज्ञानंद ने धैर्य और बेहतरीन तकनीक से प्रदर्शन करते हुए निर्णायक बढंत बना ली आखिरकार उन्होंने शानदार खेल दिखाते हुए पहली बार टाटा स्टील मास्टर्स का खिताब अपने नाम कर लिया।
प्रज्ञानंद ने कहा विशांत के खिलाफ में उसे स्टार के आसपास भी नहीं खेल पाया जिस स्तर पर मै खेल रहा था मुझे अर्जुन को कोई उपहार देना चाहिए क्योंकि कई बार मुझे लगा कि मुकेश ने टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया उन्होंने कहा मैं जीत का लक्ष्य लेकर यहां आया था लेकिन चुनौती काफी बड़ी थी मैं वास्तव में कल तक इसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा था मैं काफी थक चुका हूं और अब थोड़ा विश्राम करना चाहता हूं मुकेश को यहां लगातार दूसरे वर्ष टाईब्रेकर में हार का सामना करना पड़ा पिछली बार चीन के चीनी में से हार गए थे।