रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
बच्ची के साथ रेप की कोशिश के एक पुराने मामले में सुनवाई के दौरान इलाहबाद कोर्ट ने एक टिप्पड़ी दी इसमें कह गया की किसी पीड़िता के स्तनों को छूना या कपड़े उतारने की कोशिश दुश्म का अपराध नहीं …

इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा हिन् की पीड़िता को छूने या कपडे उतारने की कोशिश को दुष्कर्म का प्रयास नहीं माना जा सकता इस टिप्पड़ी के साथ न्यायमूर्ति राम मनोहर मिश्रा की कोर्ट ने कासगंज के आरोपियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट से जारी सम्मन को रद्द कर दिया। कोर्ट ने यौन हमले की धाराओं के तहत पुनः आदेश पारित करने का आदेश दिया हैं। कोर्ट ने ये टिप्पणी कुछ साल पहले 11 साल की बच्ची के साथ हुई रेप की कोशिश से जुडी सुनवाई के दौरान की यह मामले एटा के पटियाली थाने में दर्ज हैं।
योगी आदित्यनाथ से जुडी निचली अदालत को टिप्पणी को हटाया –
मार्च 2024 में इलाहबाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के न्याययधीश की ओर से दिए गए उस आदेश को हटा दिया हैं जिसमे आदित्यनाथ यूनानी दार्शनिक प्लेटो की ओर से दी गई। अवधारणा का एक उपयुक्त उदाहरण हैं जब कोई धार्मिक व्यक्ति सत्ता के पद पर होता हैं तो इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं। क्योकि धार्मिक व्यक्ति का जीवन भोग – विलास से नहीं बल्कि त्याग ओर भक्ति से भरा होता हैं।
महिलाओ से जुड़े कुछ फैसले –
2023 में रेप के एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा की रेप का शिकार महिला या लड़की कोई सह -अपराधी नहीं हैं इस तरह की बाते ओर उसकी गवाही की पुष्टि पर जोर देना वाकई में एक महिला का अपमान हैं।
2024 के मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट में बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि मिडिल क्लास परिवार कि महिला के लिए 25000 रूपये को मामूली राषि में एक वक्त का खाना भी जूता पाना लगभग असंभव हैं। ऐसे में उसके गुजारे भत्ते कि राशि को बढ़कर 5 हजार प्रति महीने दिया जाना चाहिए।