रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- ट्राइग्लिसराइड का स्तर सामान्य रखने के लिए प्राकृतिक आहार लें।
- चीनी, मैदा और ट्रांस फैट से परहेज़ करें।
- बचे हुए तेल को दोबारा गर्म न करें।

हरदोई 28 मार्च। शहीद उद्यान स्थित कायाकल्पकेन्द्रम् में वक्ताओं ने ट्राइग्लिसराइड के स्तर को सामान्य रखने के लिए आहार और व्यायाम दोनों को महत्त्वपूर्ण बताया। ट्राइग्लिसराइड दिवस पर सीनियर नेचरोपैथ डॉ. राजेश मिश्र ने कहा कि ट्राइग्लिसराइड का स्तर सामान्य रखने के लिए प्राकृतिक आहार अधिक लें। उन्होंने कहा कि गगन और वन के पशु-पक्षियों में ट्राइग्लिसराइड क्यों नहीं बढ़ता, इस पर विचार कीजिए। चीनी, मैदा और ट्रांस फैट से बचने की सलाह दी। आगे कहा कि बार-बार गर्म करने से खाने वाला तेल विषाक्त हो जाता है। उसमें ट्रांस-फैट का प्रतिशत बढ़ जाता है। कड़ाही में बचे हुए तेल को बार-बार गर्म करके पूड़ी आदि बनाकर खाने का चलन बन्द करें। कहा एक बार में कड़ाही में उतना ही तेल डालें जो काम में आ जाए। बचे हुए तेल को दोबारा गर्म न करें, ऐसे ही खिचड़ी आदि में डालकर सेवन कर सकते हैं।

डॉ सरल कुमार ने कहा कि आहार-विहार ठीक रखें। बाजार की चीजें न खाएं। घर का बना हुआ खाएं। रेशेदार चीजें खाएं, शर्करा और नशीले पदार्थों से दूर रहें। कहा नियमित तीस मिनट व्यायाम अवश्य करें। पतंजलि प्रभारी हरिवंश सिंह ने कहा कि योग-प्राणायाम का बड़ा महत्त्व है। रोगी-निरोगी सभी के लिए योग लाभकारी है। योग से स्वास्थ्य रक्षा होती है और रोगों से मुक्ति मिलती है। व्यवसायी आशीष जैन ने कहा बिस्कुट आदि की पैकिंग पर ट्रांस फैट की मात्रा लिखी रहती है, लोग ध्यान नहीं देते और कालांतर में स्वास्थ्य खराब हो जाता है। रागिनी वाजपेयी ने कहा कि गृहणियां एक ही तेल को बार-बार गर्म करके खाने की चीजें पकाती और खिलाती रहती हैं, जो ठीक नहीं है। दीपाली, अनामिका, उमा देवी, डॉ अभिषेक पाण्डेय, गोविन्द गुप्ता, शिवकुमार उपस्थित रहे।