रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
हिंदू राज्य की बहाली की मांग को लेकर काठमांडू में आज प्रदर्शन बुलाया गया था जो जल्द ही हिंसक हो गया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सड़क किनारे इमारत की खिड़कियों को तोड़ दिया और फिर आग लगा दी …

काठमांडू में शुक्रवार को नेपाल की राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे समर्थको और सुरक्षा बलों के बीच झड़पे हुई हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए जिससे राजधानी में तनाव का माहौल बन गया। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों इमारत और वाहनों में आग लगा दी। जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां दागी हालत को काबू करने के लिए प्रशासन ने टिंकुनी सिनामंगल और कोटेश्वर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया। तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नेपाली सेवा को सड़कों पर उतारा गया है।
जहां हजारों प्रदर्शनकारियों ने ‘राजा आओ ,देश बचाओ ,भ्रष्ट सरकार नीचे जाओ’ और हमें राज्य तंत्र वापस चाहिए जैसे नारे लगाए कई प्रदर्शनकारी अपने हाथ में नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीर लिए हुए थे यह लोग जोर-जोर से नारेबाजी कर रहे थे और सड़कों पर दौड़ते हुए पत्थर बाजी की।
बता दे कि नेपाल में 2008 में संसद द्वारा राज्यशाही को समाप्त कर दिया गया था। जिससे यहां एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय , लोकतांत्रिक , गणराज्य बन गया हालांकि , हाल ही में राजशाही की बहाली की मांग तेज हो गई खासकर जब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस के अवसर पर जनता से समर्थन की अपील की थी। इस महीने की शुरुआत में जब ज्ञानेंद्र धार्मिक यात्रा से लौटे तो त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में राज्यशाही समर्थकों ने उनका स्वागत किया। प्रदर्शनकारियों ने राजा वापस आओ देश बचाओ हमें राजशाही चाहिए जैसे नारे लगाए कुछ समर्थकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी ज्ञानेंद्र के साथ प्रदर्शित की।
झड़प में एक व्यक्ति घायल कई हिरासत में –
मौके पर मौजूद शख्स ने बताया कि झड़प में एक व्यक्ति घायल हुआ जब प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र न्यू बेनेश्वर की ओर बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने कई युवाओं को हिरासत में लिया काठमांडू में सैकड़ो पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। राजशाही के समर्थकों और विरोधियों के अलग-अलग प्रदर्शनों के कारण होने वाली ज्यादा बढ़ाने की आशंका हैं।
राजशाही समर्थन की बढ़ती लहर –
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में हिंदू राजशाही की बहाली की मांग को लेकर एक मजबूत आंदोलन आकर ले रहा है इसका मुख्य कारण भ्रष्टाचार और आर्थिक गिरावट को लेकर जनता में बढ़ती निराशा है नेपाल में 2008 के बाद से 13 सरकारी बदल चुकी है लेकिन राजनीतिक स्थिरता बनी हुई है। राजशाही समर्थकों का दावा है कि 9 मार्च को ज्ञानेंद्र का स्वागत करने के लिए चार लाख से अधिक लोग जुटे थे जबकि समाचार एजेंसियों ने १०,000 के करीब लोगों की उपस्थिति का अनुमान लगाया।