रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
नोएडा में पॉर्न वीडियो के एक बड़े धंधे का खुलासा हुआ दिल्ली से सटे इस शहर में एक पॉश रिहायशी इलाके में पिछले 5 साल से गुपचुप यह सब चल रहा था …

नोएडा में पोर्नस साइट्स पर अश्लील कंटेंट्स अपलोड करने के मामले में आरोपी दंपति से पूछताछ में कई जानकारियां सामने आई है की डॉक्टर की कोठी किराए पर लेकर गिरोह चल रहा था। आरोप के मुताबिक ऑडिशन के नाम पर मॉडल को बुलाकर अश्लील कंटेंट बनाने वाले धंधे का नेटवर्क यूरोप और अफ्रीका तक फैला हुआ था। उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। इस पूरे मामले में 15 करोड़ 66 लाख से ज्यादा की विदेशी फंडिंग की भी जांच चल रही है उन मॉडल के बयान दर्ज कराए गए हैं इस रैकेट में 400 से अधिक मॉडल के शामिल होने के अभी उम्मीद जताई जा रही है और पैसे के बटवारे के लिए भी परसेंटेज तय किया गया था। 75 % पैसे दंपति खुद रखता था और 25% मॉडल को पेमेंट के रूप में मिलता था।
कोठी के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि गेट तभी खुलता है जब लड़कियां यहां आती है कैमरा समेत अन्य उपकरण लेकर भी लोग आते रहते स्थानीय लोगों को आशंका तो थी की कोठी के अंदर किसी प्रकार का वीडियो और फोटो शूट होता है पर उन्हें अश्लील कंटेंट की शूटिंग होने की जानकारी नहीं थी एड की छापेमारी के बाद हुए कुलसी से लोग हैरान रह गए छापेमारी के दौरान वहां तीन लड़कियां भी मिला जिनके बयानिधि ने रिकॉर्ड किया है किशोर और उसकी पत्नी नीलू ने सब डीजे नाम किया कंपनी बनाई थी और इसके जरिए वह विदेशी एडल्ट वेबसाइट को अश्लील वीडियो महिया कर रहे थे ईद की जांच में पता चला कि कंपनी और इसके डायरेक्टर्स के खाते में 15.66 करोड रुपए की विदेशी फंडिंग आ चुकी है इसके अलावा विदेशी बैंक में मौजूद एक खाते में भी 7 करोड़ की रकम आ चुकी थी जैसे कैश किया जा चुका है पूछताछ में दंपति की ओर से बताया गया की मार्केट रिसर्च जनमत संग्रह और विज्ञापन के नाम पर विदेश से पैसे आए हैं इसी को आधार बनाकर पर्पज कोड देखकर दंपति ने गलत तरीके से विदेशी रकम अपने खातों में ली।
मॉडलिंग और एक्टिंग में करियर बनाने का सपना देखने वाली लड़कियों को विज्ञापन देखकर बुलाया जाता है फिर उन्हें हर महीने लाखों रुपए की कमाई का लालच देकर नंगेपन के धंधे में धकेल दिया जाता है न्यूड वीडियो से होने वाली कमाई का 25 फ़ीसदी हिस्सा लड़कियों को दिया जाता है और बाकी किशोर और नीलू का मुनाफा होता था।