मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खाली किया सरकारी बांग्ला , स्पीड पोस्ट से भेजकर चाबियां सौंपी

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को राज्य संपत्ति विभाग से नोटिस मिलने के बाद उन्होंने कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए | लालबहादुर शास्त्री स्थित बंगला नंबर छह खाली कर दिया और इसकी चाबियां राज्य सम्पत्ति अधिकारी को स्पीड पोस्ट के जरिए भेज दी है| मायावती के निजी सचिव मेवालाल गौतम द्वारा बुधवार रात जारी एक प्रेस नोट में कहा| कहा कि वीवीआईपी गेस्ट हाउस में अवर अभियंता (अनुरक्षण) लोक निर्माण विभाग कब्जा लेने की कार्यवाही करते हैं। उन्हें ही कब्जा व पत्र दिया जाए।

अवर अभियंता ने राज्य संपत्ति अधिकारी की अनुमति के बिना बंगले की चाभी व पत्र लेने से इन्कार कर दिया। इस पर राज्य संपत्ति अधिकारी के नाम पत्र व बंगले की चाभियां स्पीड पोस्ट से अवर अभियंता को भेज दी गईं। ये बुधवार को प्राप्त हो गई हैं। मेवालाल गौतम ने पत्र में बताया है कि स्पीड पोस्ट रिसीव हो गया है और पत्र के साथ साक्ष्य के तौर पर 6, कालिदास मार्ग के बिजली के बिल भी लगाए गए हैं| मायावती ने राज्य संपत्ति अधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि 6, लाल बहादुर शास्त्री आवास उन्हें बतौर पूर्व मुख्यमंत्री 23 दिसंबर 2011 को आवंटित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के 7 मई के आदेश के अनुपालन में वह यह बंगला पूरी तरह खाली कर रही है।

योगी जी से भी की थी मुलाकात

पिछले हफते बहुजन समाज पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से मिला था और दावा किया था कि जिस बंगले को खाली करने को कहा जा रहा है वह 2011 में काशीराम स्मारक के नाम पर बदल दिया गया था और मायावती के पास उस बंगले में केवल दो कमरे ही मिले है|सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब मायावती को बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था उसके बाद बीएसपी ने 21 मई को सरकारी बंगले के बाहर ‘श्री काशीराम जी यादगार विश्राम स्थल’का बोर्ड लगा दिया था|मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल पार्टी महासचिव सतीश मिश्र के मुताबिक नोटिस 13 ए माल एवेन्यू को खाली कराने का मिला है जो मायावती के नाम नहीं आवंटित है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें छह लाल बहादुर शास्त्री मार्ग का बंगला आवंटित है, जिसके लिए कोई नोटिस नहीं मिला|

मायावती ने कहा है कि बंगला आवंटित करते समय मुझे जनरेटर, विद्युत पैनल, ट्रांसफार्मर, एसी, पंखे, ट्यूबलाइट, साउंड सिस्टम व फायर फाइटिंग सिस्टम लगे हुए थे। ये वर्तमान में भी लगे हुए हैं और पूरी तरह से ठीक हालत में हैं। इसके अलावा राज्य संपत्ति विभाग ने अन्य कोई फर्नीचर व फिक्सचर नहीं दिया था।