रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- सुयोग्य पुत्र ही धरती माता को रख सकेंगे स्वस्थ.
- सरकार कानून में संशोधन करे तो पर्यावरण के लिए उपयोगी वृक्ष बड़ी संख्या में लग जाएंगे।

पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है जिसे बाइस अप्रैल को दुनिया के लगभग दो सौ देशों में पर्यावरण संरक्षण के लिए आयोजित किया जाता है। शहीद उद्यान स्थित कायाकल्पकेन्द्रम् में मंगलवार को ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में सीनियर नेचरोपैथ डॉ. राजेश मिश्र ने कहा कि माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः। “पृथ्वी हमारी माता है, मैं पृथ्वी का पुत्र हूं।” वे कोरी भाषणबाजी में विश्वास नहीं रखते, पहले करते हैं, उसके बाद में बोलते हैं, आगे कहा कि उन्होंने प्रकृति और पर्यावरण के लिए अपना जीवन होम कर दिया। उन्होंने बताया कि उनके शरीर से जो गंदगी निकलती है, बस उतने ही प्रदूषण के जिम्मेदार हैं। उसके बदले में नित्य दोनों समय यज्ञ करके उसकी कई गुना भरपाई कर देते हैं। वाहन कोई खरीदा नहीं, क्षेत्र संन्यास में अधिक रहते हैं। आवश्यकताएं कम हैं, प्रकृति के निकट रहना पसन्द करते हैं। पैतृक बाग में पुराने वृक्षों का संरक्षण किया। पर्यावरण के लिए उपयोगी पीपल, बरगद आदि के पौधे जगह-जगह रोपित किए।
डॉक्टर मिश्र ने कहा कि कृषक ही धरती माता के असली पुत्र है। वे मरुभूमि को हरा-भरा बना देते हैं। वे पौधरोपण करके उनकी सेवा करके उन्हें बड़ा करते हैं। यदि उनमें से कोई वृक्ष सूख जाए तो काट नहीं सकते। सम्बन्धित अधिकारी की जी-हजूरी करने के बाद ही उसे काट सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कानून में संशोधन करे तो पर्यावरण के लिए उपयोगी वृक्ष बड़ी संख्या में लग जाएंगे। कहा वातानुकूलित कमरों में बैठकर पर्यावरण संरक्षण की बातें तो की जा सकती हैं लेकिन काम नहीं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि लचीला कानून बनाकर कृषकों को जी-हजूरी से छुटकारा दिलाएं तो बात बनेगी। कहा सुयोग्य पुत्र ही धरती माता की सेवा करके उसे स्वस्थ बनाएंगे। डॉ अभिषेक पाण्डेय, डॉ सरल कुमार, गोविन्द गुप्ता, शिवकुमार, मनोज मिश्र, दीपाली, अनामिका, रेखा उपस्थित रहे।