रीडर टाइम्स डेस्क
- एक राष्ट्र एक चुनाव से बनेगा सशक्त भारत : सांसद जयप्रकाश

हरदोई: रसखान प्रेक्षागृह में एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर मुख्य अतिथि पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ अशोक बाजपेई एवं लोकसभा सांसद जय प्रकाश रावत की अध्यक्षता में प्रबुद्ध समागम कार्यक्रम संपन्न हुआ। पू. सांसद अशोक बाजपेई ने कहा कि देश में होने वाले सभी चुनाव एक साथ होने से भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास में वृद्धि होगी, जिससे व्यवसाय प्रतिकूल नीतिगत परिवर्तनों के भय के बिना निर्णय लेने में सक्षम होंगे और सशक्त पभारत विकसित भारत बनाने के संकल्प को साकार कर सकेंगे।
पूर्व राज्यसभा सांसद ने एक साथ चुनाव कराने के अनेक लाभकारी बिंदुओं पर बुद्धिजीवी वर्ग से चर्चा की, कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से मतदाताओं के लिए सुविधा और आसानी सुनिश्चित होती है, मतदाता थकान से बचते हैं, तथा मतदान प्रतिशत में वृद्धि होती है। एक राष्ट्र एक चुनाव से नीतियों में अधिक निश्चितता आएगी। बार-बार चुनाव होने से अनिश्चितता का माहौल बनता है और इससे नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं।

कहा कि एक साथ चुनाव कराने से सरकारी खजाने पर वित्तीय बोझ कम होगा, क्योंकि इससे बीच-बीच में होने वाले चुनावों पर होने वाले व्यय का दोहराव नहीं होगा। चुनाव के कार्यान्वयन से दुर्लभ संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग, पूंजी निवेश में वृद्धि और परिसंपत्ति सृजन होगा और इससे शासन के लिए अधिक समय की उपलब्धता सुनिश्चित होगी तथा नागरिकों को निर्वाध रूप से सार्वजनिक सेवा प्रदान की जा सकेगी। चुनाव से चुनाव संबंधी विवाद और अपराध कम होंगे, जिससे अदालतों पर बोझ कम होगा।
कहा कि चुनाव के दौरान सरकारी तंत्र चुनाव ड्यूटी और संबंधित कार्यों के कारण अपने नियमित कर्तव्यों का पालन नहीं कर पाता है। जिसका नतीजा है कि विकास योजनाएं समय पर पूर्ण नहीं हो पाती और जनता योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाती है।
कार्यक्रम में लोकसभा सांसद जय प्रकाश ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर देश भर में चल रहे मंथन पर कहा कि यह विषय कोई नया नहीं है। भारत में इससे पहले कांग्रेस शासनकाल में एक राष्ट्र एक चुनाव की परिपाटी चलती चली आ रही थी। पर कांग्रेस पार्टी की सत्ता की चाहत ने संविधान के ऐसे नियमों को टूक पर रख दिया जो उसकी सत्ता को चुनौती दे सके। भारत की भावी पीढ़ी के सुनहरे भविष्य के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव पर विमर्श खड़ा किया। उनका मानना है कि समय के साथ सबको बदलना चाहिए। मौजूदा समय भारत की आर्थिक प्रगति की यात्रा का है। भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है, भारत को सशक्त बनाना है तो पहला एक राष्ट्र एक चुनाव इसका आधार है।

कहा कि पीएम मोदी ने इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व वाली एक उच्च-स्तरीय समिति को बनाया। और इस विषय पर देश से लेकर समाज के हर वर्ग के विचारों को संकलित करना है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है. पिछले साल सितंबर में गठित पैनल ने “अन्य देशों की चुनावी प्रक्रियाओं ” का अध्ययन किया है. साथ ही 39 राजनीतिक दलों, अर्थशास्त्रियों और भारत के चुनाव आयोग से परामर्श भी किया है. इस बाबत करीब 18,000 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है।
सांसद ने कहा एक राष्ट्र एक चुनाव से प्रशासनिक नौकरशाही का राजनीति से कम संबंध, जाति, समुदाय,और धार्मिक ध्रुवीकरण में कमी, चुनावी तैयारी में सुधार,सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में व्यवधान को कम करना, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना, चुनाव अभियानों को सरल बनाना, कानून और व्यवस्था प्रबंधन में सुधार, ईवीएम और वीवीपीएटी का बेहतर उपयोग, केंद्र और राज्य नीतियों के बीच बेहतर समन्वय तथा न्यायिक निरीक्षण को सरल बनाना हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता एडवोकेट इन्द्रेश्वर नाथ गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया।