लखनऊ में स्थित वियाना होटल , जहां ओमान के नागरिक रह रहे थे

रीडर टाइम्स डेस्क
लखनऊ के होटल वियाना में करीब 10 दिन से ओमान के पांच नागरिक रुके थे पुलिस को इसकी सूचना मिली तो छापा मार दिया जांच पड़ताल में पता चला कि होटल मालिक ने मैनेजर ने एफआरआरओ और पुलिस को सूचना दिए बिना नागरिकों को रोका गया …

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर के वियाना होटल में बीते 24 अप्रैल से ओमान के नागरिक रुके थे। इनमें दो महिला समेत तीन पुरुष है बिना अनुमति और विदेश पंजीकरण कार्यालय एफआरआरओ को सूचना दिए विदेशी नागरिकों को ठहरने वाले होटल मालिक का मैनेजर पर गोमती नगर थाने एफआईआर दर्ज की गई। इन नागरिकों के पास दस्तावेज अधूरे मिले। और यह सभी विदेशी नागरिक टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर इलाज कर रहे थे होटल मालिक और मैनेजर से पूछताछ करने पर भी सही जवाब नहीं दे सके। इस आधार पर दोनों के खिलाफ गोमती नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है।

अलग-अलग तारीखों में रुके थे –
छानबीन में पता चला कि , ओमान निवासी सालेह अली मासू नासिर उलू रूशैदी 22 अप्रैल से होटल में रुका है वही , मोहम्मद सालेह आदिम 19 अप्रैल से 22 अप्रैल तक ,खमीस सलीम खरमास अल गंबूसी 14 अप्रैल से 15 अप्रैल तक पहली बार रुका। 17 अप्रैल को खासिम ने दूसरी बार होटल बुक किया। अलनुद अहमद सुलेमान हदहूल अल रहबी होटल में रुका था। आरोपित मैनेजर आदिल और मालिक गौरव कश्यप ने अवैध तरीके से विदेशी नागरिकों को होटल में रुकवाया था।

होटल वियाना में नियमों का उल्लंघन –
विदेशी नागरिकों को ठहरने के लिए होटल भियां पंजीकृत भी नहीं था उसके बावजूद ओमान के नागरिकों को ठहराया था। टूरिस्ट वीजा पर आए ओमनी नागरिक गतिविधियां संदिग्ध नजर आने पर इंटेलिजेंट के इनपुट पर पुलिस ने कार्रवा
ई की।

अमित शाह का संदेश –
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बात की जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं अमित शाह ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी नागरिकों को फौरन वापस भेजा जाए। इसके तहत अस्थाई या स्थाई वीजा पर भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश वापस भेजने के लिए राज्यों को कहा गया।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद देश में आक्रोश –
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में लोगों के बीच आक्रोश है आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने एक्शन लेते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया। बाघा अटारी बॉर्डर तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया और पाकिस्तानियों के लिए वीजा रद्द कर दिया गया है।