मनरेगा कोआर्डीनेटर के पति के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज

रिपोर्ट : रामप्रकाश राठौर, रीडर टाइम्स 

* राजनैतिक दबाव में प्रधान पति अपनी साजिश में कामयाब *

* ब्लाक मुख्यालय पर कोआर्डीनेटर के पति व प्रधान पति के बीच हुई थी मारपीट *

kotwali

शाहाबाद। बुधवार की दोपहर गोलमाल छिपाने के लिये प्रधान पति और कोआर्डीनेटर पति के बीच जमकर मारपीट हुई जिसमें प्रधान पति अपने राजनैतिक दबाव के चलते मनरेगा कोआर्डीनेटर के पति व भाई के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराने में कामयाब रहे। हलांकि इस कार्रवाई के बाद ब्लाक कर्मचारियों और अधिकारियों में रोष व्याप्त है। वहीं ब्लाक मुख्यालय पर प्रधान और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते विकास योजनाओं को लगाये जाने वाले पलीते की भी पोल खुलती नजर आ रही है।

विदित हो बुधवार की दोपहर मनरेगा कोआर्डीनेटर मधुबाला के पति अनूप अग्निहोत्री व परेली ग्राम पंचायत की प्रधान कंचन देवी के पति गोविन्द पाठक के मध्य सोशल आडिट को लेकर मारपीट हुई थी। जिसमें प्रधान पति लहूलुहान हो गये थे। बताया जाता है 24 मई को ब्लाक कोआर्डीनेटर मधुबाला अपने पति अनूप अग्निहोत्री के साथ ग्राम पंचायत परेली में मनरेगा के अन्तर्गत हुये कार्यों तथा आवास के सम्बन्ध में सोशल आडिट करने गई थी। प्रधान और उनके पति न तो बैठक में पहुंचे और न ही विकास कार्यो से सम्बन्धित कोई अभिलेख दिखाये।

जिसकी शिकायत मधुबाला ने आला अधिकारियों से कर दी। उसके बाद प्रधान पति अपनी दबंगई के चलते आग बबूला हो गये और मनरेगा कोआर्डीनेट मधुबाला और फोन पर धमकी देकर गाली गलौज करने लगे। बकौल कोआर्डीनेटर प्रधान आये दिन सोशल आडिट को लेकर मधुबाला को देख लेने की धमकी देने लगे। बुधवार को दोपहर मुधबाला के पति अनूप अग्निहोत्री और भाई अजय के बीच इसी को लेकर पहले विवाद हुआ बाद में मामला ज्यादा बढ़ जाने पर मारपीट होने लगी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धक्का मुक्की के बीच प्रधान पति गोविन्द पाठक गिर गये जिससे उनके सिर में मेज लग गयी और वह लहूलुहान हो गये। मारपीट के बाद ब्लाक मुख्यालय पर अफरातफरी का आलम व्याप्त हो गया। दोनो पक्ष अपनी अपनी फरियाद लेकर कोतवाली पहुंचे लेकिन प्रधान पति प्रधानों और राजनैतिक दबाव के चलते कोआर्डीनेटर के पति और भाई के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराने में देर शाम तक कामयाब हो गये। लेकिन मुधबाला की ओर से केवल एनसीआर ही दर्ज हो सकी।

फिलहाल इस घटना के बाद ब्लाक मुख्यालय पर होने वाले भ्रष्टाचार की परतेें खुलती नजर आ रही हैं। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत परेली में अधिकांश विकास कार्य कागजों पर चलाये जा रहे हैं। भ्रष्ट प्रधानों के बडे काकस द्वारा ब्लाक कर्मचारियों को अपने अरदब में लेकर अपने मन मुताबिक रिपोर्ट लगवाई जा रही है। हलांकि इस भ्रष्टाचार में पूरी तरह से कर्मचारी भी सने हैं लेकिन बाबजूद इसके प्रधानों के राजनैतिक दबावों के चलते ब्लाक कर्मचारियों को प्रधानों के मन मुताबिक कार्य करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार भ्रष्ट प्रधानों का यह काकस आने वाली हर सरकार में कपड़ों की तरह दल बदल कर अपनी निष्ठा और आका बदलकर अपने भ्रष्टाचार की गंगा बहाने में कामयाब रहे हैं। फिलहाल मनरेगा कर्मचारी मधुबाला ने भी अदालत से प्रधान पति के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने के संकेत देते हुये कहा है कि वह किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठेगी।