2019 के लिए रूठे साथियो को मनाने में जुट गए है बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, मातोश्री में मिलेंगे उद्धव ठाकरे से

amit shah meet with uddhav thackeray in matoshri2

पूरे देश भर में हुए चुनावो में सारे विपक्ष को एक जुट देख कर अब बीजेपी अधय्क्ष अमित शाह भी अपने अपने रूठे दोस्तों को मानाने में लग गए हैं| इसी के मद्देनजर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों अपने सहयोगी दलों के नेताओं के साथ लगातार मुलाकात करके एनडीए के कुनबे को संभालने में जुटे हुए हैं | शाह अब शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके निवास पर बुधवार को मुलाकात करेंगे। अमित शाह की यह मुलाकात इसलिए भी बेहद अहम है, क्योंकि शिवसेना ने कहा है कि वह 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अमित शाह ‘रूठे’ ठाकरे को मनाने की कोशिश करेंगे।

इस मुलाकात में दोनों नेता 2019 चुनावों से पहले गठबंधन की संभावनाओं के बारे में चर्चा करेंगे। गौरतलब है कि काफी समय से दोनों पार्टियों के अनबन चल रही है। उद्धव ठाकरे लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की बात पहले ही कह चुके हैं। इतना ही नहीं शिवसेना संसद संजय राउत ने यह भी कहा था की देश को मोदी और शाह की जोड़ी नहीं चाहिए भले देश कांग्रेस या जेडी नेता एचडी देवगौड़ा को स्वीकार कर सकता है।

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पिछले साल हुए अपने महासम्मेलन में शिवसेना ने भाजपा से अलग होकर आम चुनावों में अकेले लड़ने की घोषणा कर दी थी। पिछले काफी समय से शिवसेना और भाजपा के संबंध कुछ ठीक नहीं रहे हैं, लगातार शिवसेना के नेताओं ने भाजपा और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोलते रहे हैं। ऐसे में अब जब 2019 के आने में महज 6 महीने रह गए हैं अमित शाह ने एकबार फिर से अपने नाराज साथियों को फिर से मनाने की कवायद शुरू कर दी है। ऐसे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पर जोर दिया है। सोमवार को महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना से गठबंधन की वकालत की थी। फडणवीस ने बीजेपी के पदाधिकारियों से शिवसेना के साथ गठबंधन की पहल करने का अनुरोध किया।

48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन 2014 में 42 सीटें जीत कर आया था। ऐसे में भाजपा बिल्कुल नहीं चाहेगी कि उसका कोई मजबूत साथी उससे दूर हो और सीटों में उसे नुकसान उठाना पड़े। बीजेपी की ओर से शिवसेना के लिए दरवाजे कभी बंद नहीं किए गए। अप्रैल में मुंबई में महारैली के बाद अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद भी अपने सहयोगियों को अपने साथ रखा है। उन्होंने ठाकरे के लोकसभा चुनाव मे अकेले जाने के दावे की प्रतिक्रिया में कहा था कि वह (शिवसेना) सरकार में हैं और उनकी इच्छा है कि बीजेपी के साथ ही रहे।

इतना ही नहीं उपचुनाव की हार से सबक लेते हुए शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने अपने सहयोगियों की नाराज़गी दूर करने की पूरी पहल कर रहे हैं| बीजेपी को इस बात का बखूबी एहसास हो गया हैं कि 2019 के चुनाव अगर जितना है तो रण अकेले जीतना इतना आसान नहीं हैं| और खास तौर से तब जब सारे विपक्षी दल एक साथ हो| और इस महागठबंधन को मात देने के लिए एनडीए के सहयोगियों का साथ जरूरी है| इसीलिए शाह पूरी तरह से सक्रिय हो चुके हैं|