पाकिस्तान और चीन के पास परमाणु हथियारों की होड़, लेकिन भारत भी पीछे नहीं इस मामले में

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एशिया की तीन बड़ी सैन्‍य ताकतों चीन, भारत और पाकिस्‍तान ने बीते एक साल में अपने एटमी हथियारों के जखीरे में पर्याप्‍त इजाफा किया है, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु हथियारों के मामले में पाकिस्‍तान अब भी भारत से आगे बना हुआ है, वहीं भारत का जोर ऐसे किसी एटमी हमले के दौरान खुद को ‘बचाए’ रखते हुए जवाबी कार्रवाई की क्षमता बढ़ाने पर है और यहां रक्षा प्रतिष्ठानों का मानना है कि उनका यह कार्यक्रम सही ट्रैक पर है|

 

 

सीपरी के मुताबिक भारत के पास इस समय 130 से 140 और पाकिस्‍तान के पास 140 से 150 परमाणु हथियार हैं। हालांकि कोई भी परमाणु हथियार मिसाइलों में लगाया नहीं गया है। गौरतलब है कि भारत पहले परमाणु हथियार के इस्‍तेमाल नहीं करने की नीति का पालन करता है। इन सबके विपरीत अन्‍य परमाणु हथियार संपन्‍न राष्‍टों ने या तो वारहेड की संख्‍या घटाई है या उन्‍हें स्थिर रखा है। अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों की संख्‍या 6800 से घटाकर 6480 कर दिया है।

 

 

रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 की शुरुआत तक भारत, पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, यूके, फ्रांस, चीन, इजरायल और उत्तर कोरिया के पास करीब 14,465 परमाणु हथियार थे, चीन के पास लगभग 280 हथियार हैं।हालांकि 2017 के शुरुआत की तुलना में यह संख्या कम है, क्योंकि तब इन देशों के पास कुल 14,935 परमाणु हथियार थे. इस गिरावट की वजह रूस और अमेरिका द्वारा अपने हथियारों में कटौती लाना था | वहीं अमेरिका और रूस की बात करें तो उनके पास 6,450 से 6,850 परमाणु हथियार हैं। दोनों के पास दुनिया के 92 प्रतिशत हथियार हैं। भारत और पाकिस्तान ने एक साल के अंदर 10-10 नए परमाणु हथियार बनवाए हैं।

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दूसरे सात परमाणु सशस्त्र देशों के हथियार काफी छोटे हैं लेकिन वह अपनी परमाणु हथियार प्रणाली को या तो विकसित कर रहे हैं या फिर विस्तार दे रहे हैं। सीपरी का कहना है, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने परमाणु हथियारों को बड़ी मात्रा में संचित करने के साथ ही जमीन, हवा तथा समुद्र से दागे जाने वाले मिसाइलों का विकास तेज कर दिया है। चीन लगातार अपने परमाणु हथियार प्रणाली का आधुनीकिकरण कर रहा है, और अपने हथियारों के आकार को छोटा बना रहा है।

 

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान से होने वाले खतरे के मद्देनजर भारत के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। इसी वजह से उसे ऐसे परमाणु प्रतिरोधक क्षमता वाले हथियारों का निर्माण करना पड़ रहा है जो विश्वसनीय हों और जवाबी कार्रवाई में दुश्मन को व्यापक क्षति पहुंचाने में सहायक हो सकें।

 

 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भंडार का विस्तार कर रहे हैं और नए जमीन, समु्द्र और वायु में मार करने वाले मिसाइल डिलिवरी सिस्टम का विकास कर रहे हैं। चीन भी अपने परमाणु हथियार प्रणाली का विकास कर रहा है और धीरे-धीरे अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है।