मोदी ने अमेरिका को दिया जोरदार झटका, कृषि और स्टील उत्पाद पर बढ़ाया 70 फीसदी आयात शुल्क

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वैश्विक व्यापार की लड़ाई गुरूवार को उस वक्त और तेज़ हो गई जब चीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ बढ़ाने की जो धमकियों दी गई है उसे अगर लागू किया जाता तो वे उसका करारा जवाब देगा। जबकि, भारत ने यूरोपीय यूनियन की राह पर चलते हुए प्रतिक्रिया स्वरूप अमेरिकी सामानों पर शुल्क को बढ़ा दिया है।

भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका से आनेवाले कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है। इन उत्पादों में बंगाली चना, मसूर दाल और आर्टेमिया शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि ये शुल्क 4 अगस्त से प्रभावी होंगे। मटर और बंगाली चने पर शुल्क बढ़ाकर 60 प्रतिशत तथा मसूर दाल पर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। इनके अलावा बोरिक एसिड पर 7.5 प्रतिशत तथा घरेलू रीजेंट पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।

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इतना ही नहीं और भी कई सारे, चुनिंदा किस्म के नटों, लोहा और इस्पात उत्पादों, सेब, नाशपाती, स्टेनलेस स्टील के चपटे उत्पाद, मिश्रधातु इस्पात, ट्यूब-पाइप फिटिंग, स्क्रू, बोल्ट और रिवेट पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है। हालांकि, यूएस से आयातित होने वाली मोटरसाइकिल (800 सीसी) पर शुल्क बढ़ाया नहीं गया है। अमेरिका ने चुनिंदा इस्पात एवं ऐल्युमीनियम उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था। इससे भारत पर 24.1 करोड़ डॉलर (करीब 1650 करोड़ रुपये) का शुल्क बोझ पड़ा था। भारत ने इसी के जवाब में ये शुल्क लगाए हैं।

भारत ने ही नहीं चीन भी धमकी

राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार की शाम को चीन से आ रहे उत्पादों पर 200 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश दिया। जिसके बाद बीजिंग ने भी इसकी प्रतिक्रियास्वरूप 200 बिलियन डॉलर शुल्क लगाने की धमकी थी। दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेंट्रल बैंकर्स ने इस हफ्ते आगाह करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार तनाव के चलते कंपनियों के विश्वास को नुकसान पहुंच रहा है। इसके साथ ही, वैश्विक आर्थिक विस्तार के ख़तरे से भी चेताया।