महेन्द्र तिवारी
बस्ती: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नोट बंदी का खामियाजा आम आदमी को भोगना पड़ रहा है। करीब एक सप्ताह बीतने के बाद भी स्थिति सामान्य न हो पाने पर प्रधानमंत्री के विचारों का समर्थन करने वाले भी विरोध में मुखर होने लगे हैं। नोट बंदी का फैसला अब लोगों की जान पर बन आया है। अब तक देश भर में करीब आधा दर्जन मौतों की खबर है जिसकी वजह नोट बंदी को ही बताया जा रहा है।
ताजा मामला बस्ती का है। यहां स्टेशन रोड स्थित यूनियन बैंक की शाखा में घण्टों लाइन में खड़े को, पैसा नही मिला और उसका विदड्राल फाड़कर फेंक दिया गया, बैंक के जिम्मेदारों ने कहा फिर से लाइन लगाओ तब पैसा मिलेगा, घण्टो की मेहनत के बाद पैसा न मिलने से नाराज त्रिभुवन ने बैंक के अंदर ही खुद को आग लगा लिया। घण्टा भर अफरा तफरी मची रही, मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज चल रहा है।
त्रिभुवन प्रतापगढ़ जिले का रहने वाला है, यहां वह रोजी के चक्कर में हरदिया में रहता है। दरअसल उसने बैंक में 15,000 रूपया निकालने के लिये फार्म भरा, जब उसका नम्बर आया तो यह कहकर उसका फार्म फाड़ कर फेक दिया गया कि 10,000 रुपये से ज्यादा नही मिलेगा, फिर से लाइन लगाओ। व्यवस्था से दुखी और निराश होकर त्रिभुवन ने जेब से माचिस निकाला और खुद को आग लगा लिया।