झारखंड में भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ आज विपक्ष ने झारखण्ड बंद का आह्वान किया है| इस बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद सूबे की राजनीति में उबाल है| वैसे विपक्ष की ओर से बुलाये गये बंद से निबटने के लिए पुलिस – प्रशासन ने भी कड़े इंतजाम किए हैंविपक्ष का झारखंड बंद अब तक बेहद असरदार रहा है| राज्य के लगभग सभी हाइवे जाम है| कोल वाहनों का ठहराव सड़कों पर नजर आ रहा है राज्य से अब तक जो आंकड़े मिले हैं उसके अनुसार लगभग 8 हजार बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है|
इस पर डीआईजी कुलदीप द्विवेदी ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार रांची में 1719, जमशेदपुर में 1942, धनबाद में कुल 1134 लोग लिये गये हिरासत में, चाईबासा में 323, सरायकेला में 525 और कोल्हान में कुल 2790 बंद समर्थक गिरफ्तार गिये हैं| बंद समर्थकों को गिरफ्तार कर कैंप जेल में रखा गया है|कैंप जेल में बाबूलाल मरांडी, पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की और कांग्रेस नेता रामेश्वर उरांव| बोकारो नया मोड़ से 50 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जबकि चास से 100 की गिरफ्तारी की गयी है| इधर , पुलिस ने जैनामोड़ से 25 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया है|
दरअसल, विपक्ष सरकार की नीतियों को लेकर खफा है| उनका मानना है कि CNT / SPT एक्ट में संशोधन कर सरकार आदिवासियों की भूमि उनसे छीनने का काम कर रही है| साथ ही विवादास्पद भूमि अधिग्रहण कानून के सहारे उनकी वन भूमि को कॉर्पोरेट घरानों को विकास के नाम पर देने की साजिश रच रही है| आदिवासियों का मानना है कि यहां के निवासी होने की वजह से जल, जंगल और जमीन पर पहला अधिकार उनका बनता है| वहीं कुछ संगठन इन मुद्दों की आड़ में आदिवासियों को बरगलाकर सरकारी विरोधी हवा भी बनाने में लगे है|
डीसी और एसएसपी ने लिया जायजा
झारखंड बंद के दौरान राजधानी की सड़कों पर सुरक्षा का जायजा लेने उपायुक्त राय महिमापत रे, एसएसपी अनीस गुप्ता सहित पूरी जिला प्रशासन की टीम निकली। उपायुक्त और एसएसपी का काफिला मेन रोड होते हुए सुजाता चौक, क्लब रोड, सीरम टोली चौक, बहु बाजार, कांटाटोली चौक, लालपुर चौक, कचहरी चौक होते हुए कंट्रोल रूम पहुंचा। इस दौरान सुरक्षा में तैनात पदाधिकारी और जवानों को दिशा निर्देश भी दिए गए। तैनात जवानों को किसी प्रकार की डयूटी में लापरवाही न बरतने का सख्त आदेश दिया गया है।
माले नेताओं ने दी गिरफ्तारी
सुबह के दस बजे माले नेताओं ने अलबर्ट एक्का चौक पर गिरफ्तारी दी। सिंह मोड़ में प्रशासन और विपक्षी दलों के बीच कुछ देर के लिए टकराव की स्थिति हो गई। वहीं हटिया सिंह मोड़ पर भी बंद समर्थक कड़ा प्रतिरोध करते नजर आए। कांके रोड से दर्जनों समर्थकों को गिरफ्तार किया गया| धनबाद में भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ संयुक्त विपक्षी दलों का बंद शांतिपूर्ण है। इसका मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। शहर की सड़कों पर यातायात सामान्य है। रेलवे परिचालन पर भी कोई असर नहीं देखा गया है। जिले में कुछ जगहों पर बंद समर्थकों द्वारा सड़क जाम कर यातायात प्रभावित करने का काम किया गया। ऐसे समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
उधर, बीजेपी का कहना है कि इस संशोधन से राज्य में विकास के नए द्वार खुलेंगे| आदिवासी की जमीन ट्रांसफर करने जैसी कोई बात नहीं है| राज्य सरकार के मुताबिक, भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन प्रस्ताव किसी उद्योगपति- पूंजीपति के लिए नहीं लाया गया है बल्कि अस्पताल, स्कूल, सड़क, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, ट्रांसमिशन लाइन जैसी योजनाओं की तेजी से कार्यान्वयन के मकसद से लाया गया है| सरकार का यही उद्देश्य है कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले लोगों को निश्चित तौर पर 4 गुना मुआवजा मिल सके|
नुकसान की भरपाई करेंगे बंद समर्थक
झारखंड बंद के दौरान अगर किसी तरह का उपद्रव हुआ, आम जनता या सरकार की संपत्ति को नुकसान हुआ तो इसकी भरपाई बंद समर्थकों से कराई जाएगी। गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2003 के उस गाइडलाइन का हवाला दिया जिसमें न्यायालय ने कहा है कि जबरन बंद का आह्वान करना असंवैधानिक एवं विनाशकारी कार्य है। बंद के दौरान किसी प्रकार की निजी अथवा सरकारी संपत्ति का नुकसान होता है तो बंद का आह्वान करने वाले राजनीतिक दलों से क्षतिपूर्ति वसूल किया जाए। इन आदेशों के उल्लंघन को उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन मानते हुए उनके विरुद्ध अवमाननावाद भी चलाया जाएगा।
राज्य सरकार के मुताबिक, संशोधन में स्पष्ट है कि स्थानीय निवासियों की सहमति से ही भूमि ली जाएगी| विरोध कर रहे विपक्ष को चुनौती देते हुए बीजेपी का कहना है कि अब कानून का सरलीकरण हुआ है| शेड्यूल एरिया तो इससे प्रभावित भी नहीं होंगे| खास तौर पर आदिवासियों की जमीन लेने जैसी कोई बात नहीं है| इस सरलीकरण में शेड्यूल एरिया को टच नहीं किया गया है| पहले सोशल ऑडिट में दो-तीन साल लग जाते थे| अब सरलीकरण के बाद 6- 8 महीने लगेंगे| भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 341 के तहत शेड्यूल एरिया को नहीं छुआ गया है| वैसे इस संशोधन में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 2 की उप धारा दो और तीन को सरलीकरण किया गया है|
बंद से लोग डरे नहीं. सामान्य दैनिक जीवन का कार्य करें. प्रशासन लोगों की सुरक्षा में मुस्तैद रहेगा