Home Breaking News दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू है, थाइलैंड गुफा से 8 बच्चे निकाले गए, लेकिन मां-बाप को खबर तक नहीं
दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू है, थाइलैंड गुफा से 8 बच्चे निकाले गए, लेकिन मां-बाप को खबर तक नहीं
Jul 10, 2018
थाईलैंड की गुफा में अभी भी फंसे चार बच्चों और उनके कोच को बाहर निकालने के अभियान को मंगलवार को बचाव अभियान का तीसरा चरण शुरू किया गया| इस मिशन को दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू बताया जा रहा है| सीएनएन के मुताबिक, चियांग राइ क्षेत्र के थाम लुआंग गुफा से बीते दो दिनों के बचाव अभियान में आठ बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है लेकिन पांच अभी भी अंदर हैं| मौसम में सुधार होने से बचावकर्मियों को मदद मिल रही है लेकिन मंगलवार तड़के हुई भारी बारिश से इन प्रयासों में बाधा पहुंच सकती है| इस मिशन में 13 इंटरनेशनल और 5 थाई नेवी सील के गोताखोरों को गुफा के अंदर भेजा गया है| बता दें, जिन बच्चों को बाहर निकाला जा चुका है, उनके खान-पान पर भी ध्यान दिया जा रहा है| क्योंकि उनको काफी समय से खाना नहीं मिला है|
गुफा के अंदर सबसे कमजोर 4 बच्चों को पहले निकाला गया और सीधे अस्पताल ले जाया गया। सोमवार को भी 4 और बच्चों को गुफा से बाहर लाया गया लेकिन उन्हें भी अस्पताल के अलग वॉर्ड में रखा गया है। हालांकि, सवाल यही उठ रहा है कि आखिरकार ऐसा क्यों किया गया। गोताखोरों के साथ गुफा से बाहर निकलते ही बच्चों को उनके मां-बाप से मिलवाने की बजाय थाइ अधिकारियों ने उन्हें कुछ दिन एकांत में रखने की योजना बनाई। उनके मां-बाप को भी यह नहीं बताया गया है कि बच्चे सुरक्षित हैं।
‘बिजनस इनसाइडर’ ने लिखा है कि स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक, दरअसल थाइ अधिकारी नहीं चाहते हैं कि बच्चों को किसी तरह का संक्रमण हो। बच्चों को उनके मां-बाप से दूर रखने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है कि अधिकारी नहीं चाहते कि जो बच्चे गुफा में रह गए हैं उनके माता-पिता को तकलीफ पहुंचे। सोमवार सुबह एक अधिकारी ने थाइ टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि उन्होंने बच्चों का नाम-पहचान इसलिए जाहिर नहीं की है क्योंकि उन्हें डर है कि इससे गुफा में रह गए बच्चों के माता-पिता पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
चियांग राइ के पूर्व गवर्नर और बचाव अभियान के कमांडर नारोंगसाक ओसोतानकोर्न ने सोमवार रात को कहा कि तीसरे बचाव अभियान की तैयारी में 20 घंटे लगे लेकिन मौसम और जलस्तर को देखते हुए समय में कुछ बदलाव किया जा सकता है| गुफा से सुरक्षित निकाले गए आठ बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया है| डॉक्टर्स उनकी जांच कर रहे हैं| नारोंगसाक ने कहा कि जिन बच्चों को बचाया गया है, उनकी हालत अच्छी है| सोमवार को बचाए गए बच्चों की हालत उससे पहले दिन बचाए गए बच्चों की तुलना में बेहतर हैं| गौरतलब है कि 23 जून को फुटबॉल अभ्यास के बाद ये 12 बच्चे और उनके कोच गुफा में घूमने गए थे लेकिन भारी बारिश की वजह से अंदर ही फंस गए |
‘खुद को दोष मत दो इकापोल’: एक बच्चे की मां पोरनचाई खमलुआंग ने कहा, “इकापोल बच्चों के लिए भगवान बन गया। अगर वह उनके साथ गुफा में नहीं जाता तो पता नहीं क्या होता। जब वह बाहर आएगा तो मैं उसे बहुत धन्यवाद दूंगी। मेरे प्यारे इकापोल, मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है।” वहीं, एक अन्य बच्चे अब्दुल सैम-ऑन के घरवालों ने कहा कि इकापोल तुम खुद को दोष मत दो। इस घटना में तुम्हारी कोई गलती नहीं हैं। हम तब तक इंतजार करेंगे, जब तक तुम बाहर नहीं आ जाते। कोच ने बच्चों के घरवालों को चिट्ठी लिखकर इस घटना के लिए माफी मांगी थी।
बचपन में अनाथ हो गया था इकापोल:कोच के दोस्तों ने बताया कि उसने 10 साल की उम्र में इकापोल ने अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद उन्हें साधु बनने की शिक्षा मिली। हालांकि उसने अपनी बीमार दादी की सेवा करने के लिए करीब 3 साल पहले मठ छोड़ दिया। इसके बाद इकापोल ने मू पा फुटबॉल टीम को बतौर सहायक कोच जॉइन कर लिया।