जेल में परेशान हुई हनीप्रीत पंचकूला कोर्ट में लगायी अर्जी, अब आ रही है इनकी याद

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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की ‘दुलारी’ हनीप्रीत जेल में रहते हुए परेशान हो गई है। इसलिए वह अब एक काम करना चाहती है, जिसके लिए उसने बड़ा कदम उठाया है। अब देखना है कि उसे कितनी राहत मिलती है।हनीप्रीत ने अपने वकील के जरिए अर्जी दी है कि अन्य कैदियों की तरह वह भी अपने घरवालों से फोन पर बातचीत करना चाहती है।

उसने सवाल किया है कि जब अन्य कैदियों को यह सुविधा उपलब्ध है तो उसे क्यों नहीं दी जा रही है। हनीप्रीत के वकील ने पंचकूला कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा है कि जेल मैन्युअल के मुताबिक विचाराधीन कैदी दिन में एक बार अपने घरवालों से फोन पर बात कर सकते हैं, लेकिन हनीप्रीत को इसकी इजाजत नहीं दी गई है।

 

 

इस बीच, पंचकूला हिंसा मामले में सोमवार को हनीप्रीत व अन्य आरोपियों पर आरोप तय नहीं किए जा सके। मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी। सोमवार को हनीप्रीत की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। पिछले महीने पंचकूला कोर्ट ने हनीप्रीत की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हरियाणा पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने हनीप्रीत सहित 22 लोगों को पंचकूला हिंसा में आरोपी बनाया है।

 

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साध्वी यौन शोषण मामले में 25 अगस्त 2017 को राम रहीम को दोषी करार दिया गया था। उसके बाद पंचकूला में हिंसा भड़क गई थी। मामले में हनीप्रीत को मुख्य आरोपी बनाया गया है और इन दिनों वह अंबाला की सेंट्रल जेल में बंद है। सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उसकी पंचकूला कोर्ट में पेशी हुई।

 

हनीप्रीत ही ऐसी शख्स है, जोकि डेरा प्रमुख के सबसे करीब है। वह डेरा प्रमुख के हर राज को भी जानती है, इसलिए पुलिस किसी भी हालत में हनीप्रीत की जमानत नहीं होने देना चाहती। साथ ही पुलिस को डर है कि यदि हनीप्रीत को उसके परिवार से बात करने की इजाजत मिल गई, तो इसकी आड़ में अन्य किसी से भी बातचीत शुरू हो सकती है, इसलिए उसने इसका विरोध किया है।

इसके साथ, हनीप्रीत सहित अन्य आरोपितों पर आरोप तय करने के लिए सुनवाई 7 अगस्त के लिए टल गई। बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि कुछ आरोपितों के खिलाफ पुलिस द्वारा निचली अदालत में चार्जशीट दायर की गई है। उनके ऊपरी अदालत में आने के बाद ही आरोपों पर बहस शुरू की जाए, जिसके बाद 7 अगस्त को बहस के लिए तिथि निर्धारित कर दी गई। इस मामले में बलराज, गोपाल, राम सिंह, खैराती लाल, गुरमीत सिंह, दलजीत, वेदप्रकाश, भीमसेन, रणधीर सिंह, गुरमीत सिंह को जमानत मिल चुकी है।